राज्य कृषि समाचार (State News)

मध्य प्रदेश ने फिर जीता “सोयाप्रदेश” का खिताब: महाराष्ट्र और राजस्थान को पछाड़ा

02 सितम्बर 2024, भोपाल: मध्य प्रदेश ने फिर जीता “सोयाप्रदेश” का खिताब: महाराष्ट्र और राजस्थान को पछाड़ा – मध्य प्रदेश ने सोयाबीन उत्पादन में एक बार फिर से बाज़ी मारते हुए महाराष्ट्र और राजस्थान जैसे बड़े राज्यों को पीछे छोड़कर “सोयाप्रदेश” का ताज हासिल कर लिया है। भारत सरकार के ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, प्रदेश ने 5.47 मिलियन टन सोयाबीन उत्पादन के साथ देश में पहला स्थान प्राप्त किया है, जो कि देश के कुल सोयाबीन उत्पादन का 41.92 प्रतिशत है।

महाराष्ट्र 5.23 मिलियन टन उत्पादन के साथ दूसरे स्थान पर रहा, जबकि उसका योगदान 40.01 प्रतिशत रहा। राजस्थान ने 1.17 मिलियन टन उत्पादन के साथ तीसरा स्थान प्राप्त किया और देश के कुल सोया उत्पादन में उसका योगदान 8.96 प्रतिशत रहा।

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पिछले दो वर्षों में सोयाबीन उत्पादन में कमी के कारण मध्य प्रदेश पिछड़ गया था। वर्ष 2022-23 में महाराष्ट्र 5.47 मिलियन टन उत्पादन के साथ प्रथम स्थान पर था और देश के कुल सोयाबीन उत्पादन में 42.12% का योगदान था और जबकि मध्यप्रदेश 5.39 मिलियन टन के साथ दूसरे नंबर पर था। देश के कुल सोया उत्पादन में योगदान 41.50 प्रतिशत था।

इसके पहले 2021-22 में भी महाराष्ट्र 6.20 मिलियन टन उत्पादन के साथ प्रथम स्थान पर था और देश के सोयाबीन उत्पादन में 48.7% का योगदान था जबकि मध्यप्रदेश 4.61 मिलियन टन के साथ दूसरे नंबर पर था। देश के कुल उत्पादन में इसका योगदान 35.78%था।

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इसके एक साल पहले 2020-21 में मध्य प्रदेश 5.15 मिलियन टनउत्पादन के साथ पहले स्थान पर रहा था और देश के कुल सोयाबीन उत्पादन में 45.05 0% का योगदान था। इस साल महाराष्ट्र 4.6 मिलियन टन उत्पादन के साथ दूसरे नंबर पर था और राजस्थान तीसरे नम्बर पर था।

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इस साल, प्रदेश में सोयाबीन का रकबा 2022-23 की अपेक्षा 2023-24 में 1.7% बढ़ा और क्षेत्रफल पिछले साल 5975 हजार हेक्टेयर से बढ़कर 2023-24 में 6679 हजार हेक्टेयर हो गया है। सोयाबीन का क्षेत्रफल बढ़ने से उत्पादन भी बढ़ा। पिछले साल 2022-23 में सोयाबीन उत्पादन 6332 हजार मैट्रिक टन से बढ़कर 2023-24 में 6675 हजार मैट्रिक टन हो गया।

सोयाबीन उत्पादन में उतार-चढ़ाव

पिछले वर्षो में सोयाबीन उत्पादन और क्षेत्रफल में उतार-चढ़ाव होता रहा। सोयाबीन के क्षेत्रफल में वर्ष 2018-19 की तुलना में वर्ष 2019-20में 14.30 प्रतिशत की वृद्धि हुई। सोयाबीन क्षेत्रफल 2018-19 में 5019 हजार हेक्टेयर था जो 2019-20 में बढ़कर 6194 हज़ार हेक्टेयर हो गया। इसी दौरान सोयाबीन का उत्पादन 2018-19 में 5809 हज़ार मिट्रिक टन था जो 2019-20 में कम होकर 3856 हज़ार मैट्रिक टन हो गया। सोया उत्पादन में 33.62% की कमी आई।

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