किसानो को शून्य ब्याज पर ऋण: मध्यप्रदेश सरकार का नया कदम
28 जनवरी 2025, भोपाल: किसानो को शून्य ब्याज पर ऋण: मध्यप्रदेश सरकार का नया कदम – मध्यप्रदेश सरकार ने कृषि क्षेत्र में सुधार और किसानों की आय बढ़ाने के लिए किसान कल्याण मिशन के तहत कई योजनाओं और कार्यक्रमों को लागू किया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि इस मिशन का उद्देश्य किसानों को तकनीकी रूप से सशक्त बनाना, उनकी आय में वृद्धि करना और कृषि को लाभकारी व्यवसाय बनाना है।
प्रदेश को 7 बार कृषि कर्मण अवॉर्ड मिल चुका है, और सरकार का कहना है कि वह कृषि क्षेत्र में नए बुनियादी ढांचे और योजनाओं के माध्यम से किसानों को मजबूत बनाने पर काम कर रही है।
सरकार ने सौर ऊर्जा का उपयोग बढ़ाने के लिए अस्थायी विद्युत कनेक्शन वाले किसानों को सौर पंप देने की योजना बनाई है। आगामी 4 वर्षों में इन सौर ऊर्जा पंपों के माध्यम से किसानों को विद्युत आवश्यकताओं के लिए आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य है।
सिंचाई और फसल विविधीकरण पर फोकस
राज्य सरकार ने सिंचित क्षेत्र का रकबा 5 वर्षों में 50 लाख हेक्टेयर से बढ़ाकर 100 लाख हेक्टेयर करने का लक्ष्य रखा है। इसके साथ ही, अधिक मूल्य प्रदान करने वाली फसलों को प्रोत्साहित करने और फसल विविधीकरण को बढ़ावा देने की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं।
नीमच और जावर तहसील के गांवों को सिंचाई सुविधा प्रदान करने के लिए 4,000 करोड़ रुपये से अधिक राशि की दाबयुक्त सूक्ष्म सिंचाई परियोजना स्वीकृत की गई है। इसके अतिरिक्त, 32 हजार करोड़ रुपये की सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री सिंचाई टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा।
उमरिया, अलीराजपुर, बैतूल, मंडला, खंडवा, सीधी, और सीहोर जिलों के 71,345 हेक्टेयर वन क्षेत्र को लघु वनोपज के निर्यात के लिए जैविक प्रमाण-पत्र प्राप्त हुए हैं। इससे किसानों को जैविक उत्पादों के निर्यात और आय में वृद्धि का लाभ मिलेगा।
नई योजनाओं के तहत किसानों को लाभ
- रानी दुर्गावती श्रीअन्न प्रोत्साहन योजना के तहत किसानों को प्रति हेक्टेयर 3,900 रुपये तक की सहायता प्रदान की जा रही है।
- शून्य प्रतिशत ब्याज पर अल्पकालीन फसल ऋण के लिए इस वर्ष 600 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
- पहली बार राज्य में सोयाबीन को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीदा गया, जिसमें 2 लाख से अधिक किसानों को 3,000 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया।
- अटल कृषि योजना के तहत 26 लाख 59 हजार किसानों को लाभान्वित किया जा रहा है।
सरकार ने किसानों को गुणवत्तापूर्ण उर्वरक और बीज प्रदान करने के लिए केंद्रों की संख्या बढ़ाई है। इसके साथ ही, अमानक उर्वरक बेचने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है। खरीफ-2024 में 1.23 लाख क्विंटल से अधिक प्रमाणित बीज का वितरण किया गया।
अनुसंधान और नई परियोजनाएं
राज्य में चना अनुसंधान संस्थान (उज्जैन) और श्रीअन्न अनुसंधान संस्थान (डिंडौरी) स्थापित किए जा रहे हैं। इसके अलावा, मिशन दाल के तहत दाल उत्पादन को बढ़ावा देने और दाल-विशिष्ट किसान उत्पादक संगठनों के गठन पर जोर दिया जा रहा है।
400 से अधिक मोबाइल पशु चिकित्सा इकाइयों के माध्यम से पशुपालकों को घर-घर पशु उपचार सुविधा प्रदान की जा रही है।
अन्य महत्वपूर्ण पहलें
- सिंचाई परियोजनाओं के लिए मुख्यमंत्री सिंचाई टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा।
- एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड योजना में 5,000 करोड़ रुपये से अधिक के प्रोजेक्ट स्वीकृत किए गए हैं।
- प्रत्येक ग्राम पंचायत में पीएम किसान समृद्धि केंद्र स्थापित करने की योजना है।
विशेषज्ञों के अनुसार, योजनाओं का सही और समय पर क्रियान्वयन किसानों की स्थिति में सुधार के लिए महत्वपूर्ण है। हालांकि, योजनाओं की जमीनी सच्चाई और उनके प्रभाव का आकलन समय के साथ ही स्पष्ट होगा।
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