राज्य कृषि समाचार (State News)

खेतों में सिंचाई के लिए पानी की कमी

09 जनवरी 2025, भोपाल: खेतों में सिंचाई के लिए पानी की कमी – राजस्थान के रेगिस्तानी क्षेत्र में स्थित बीकानेर अपनी विशिष्ट भौगोलिक परिस्थितियों के कारण कृषि के लिए सदैव एक चुनौती रहा है. यहां के किसान जो कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी अपनी मेहनत और साहस से अपनी आजीविका चलाते हैं, आज आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं. उनकी सबसे बड़ी समस्या खेतों में सिंचाई के लिए पानी की कमी है. रेगिस्तानी क्षेत्र होने के कारण पहले से ही पानी की सीमित मात्रा का सामना कर रहे इन किसानों के सामने अप्रत्याशित बारिश समस्या बनती जा रही है. लगातार बदलते पर्यावरण के कारण मानसून की बारिश असमय होने लगी है, जिसका सीधा असर खेती पर पड़ रहा है. सिंचाई की जरूरत के समय वर्षा के न होने से सूखे की स्थिति बनती जा रही है. जिससे न केवल फसल की पैदावार कम हो रही है बल्कि मिट्टी की उर्वरता भी प्रभावित हुई है. इसके कारण बीकानेर के अन्य ग्रामीण क्षेत्रों की तरह लूणकरणसर स्थित राजपुरिया गांव के किसान भी लगातार आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं. उन्हें लागत से कम पैदावार होने की वजह से खेती किसानी में घाटा हो रहा है.

किसान  कहते हैं कि “बहुत सी ऐसी फसलें है जिसके लिए पानी की बहुत अधिक मात्रा की जरूरत नहीं होती है. ऐसी फसलें आर्थिक रूप से कमजोर किसानों के लिए लाभदायक सिद्ध हो सकता है. लेकिन इसके लिए उन्हें उचित प्रशिक्षण की जरूरत होती है. इसके अतिरिक्त समय समय पर मिट्टी की जांच भी करने की आवश्यकता है ताकि उसकी उर्वरा क्षमता को बरकरार रखा जा सके. इसके लिए गांव गांव में मिट्टी जांच केंद्र प्रयोगशाला का होना बहुत जरूरी है ताकि किसानों की वहां तक पहुंच आसान हो सके. राजाराम कहते हैं कि यदि किसानों को खेती से संबंधित सभी सुविधाएं समय पर उपलब्ध हो जाएं तो न केवल मानसूनी बारिश पर निर्भरता कम हो सकती है लेकिन बदलते पर्यावरण से होने वाले आर्थिक नुकसानों से भी उन्हें बचाया जा सकता है. इसके लिए सरकार के साथ साथ कृषि के क्षेत्र में काम करने वाली संस्थाओं को भी आगे आने की आवश्यकता है.

उपरोक्त समस्याओं के समाधान के लिए जल संचित कुशल उपयोग तकनीक जैसे संभावित कदम उठाए जा सकते हैं. इनमें ड्रिप सिंचाई और वर्षा जल संचयन जैसी योजनाओं को बढ़ावा देकर किसानों के बोझ को कम किया जा सकता है. उनकी उपज का उचित मुआवजा देने के लिए बाजारों तक बेहतर पहुंच प्रदान की जानी चाहिए. अकाल एवं प्राकृतिक आपदाओं के दौरान उन्हें तत्काल आर्थिक सहायता प्रदान की जानी चाहिए. देश की खाद्य आवश्यकताओं को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले बीकानेर के किसानों की समस्याओं को गंभीरता से समझने और इसके लिए तात्कालिक योजनाओं को अमल में लाने की जरूरत है ताकि न केवल कृषि बल्कि मानव विकास को भी नुकसान से बचाया जा सके. इसके लिए कृषि विभाग को ब्लॉक स्तर पर जागरूकता अभियान चलाने की ज़रूरत है. आर्थिक रूप से कमजोर और छोटे स्तर के किसानों तक विभाग को पहुँचने की ज़रूरत है ताकि उन्हें समय पर मुआवजे और अन्य जरूरी सहायता मिल सके. जिससे कि नई पीढ़ी में कृषि के प्रति उत्साह बढ़े.

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