राज्य कृषि समाचार (State News)

क्षिप्रा होगी स्वच्छ, अविरल व प्रवाहमान

07 दिसंबर 2024, भोपाल: क्षिप्रा होगी स्वच्छ, अविरल व प्रवाहमान – मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि सिंहस्थ-2028 एवं आने वाले सिंहस्थों में संत-महंत और श्रध्दालु क्षिप्रा के जल से ही स्नान करेंगे। इसके लिए कान्ह डायवर्शन क्लोज डक्ट परियोजना, सेवरखेड़ी-सिलारखेड़ी मध्यम परियोजना और हरियाखेड़ी परियोजना के कार्य पूर्ण होने पर ये परियोजनाएं एकीकृत रूप से कार्य करेंगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि इन परियोजनाओं से तीन लक्ष्यों को एक साथ प्राप्त किया जाएगा। इन परियोजनाओं से पावन नदी क्षिप्रा स्वच्छ एवं प्रवाहमान होगी और इससे जिले को पेयजल भी निरंतर उपलब्ध होता रहेगा। यह देश-प्रदेश की पहली ऐसी परियोजना हैं, इसके संबंध में केन्द्र सरकार को भी अवगत कराया जाएगा।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने  उज्जैन में सिंहस्थ-2028 की जल आपूर्ति की कार्ययोजना एवं उनकी प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को कार्यों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने और सभी कार्य समय-सीमा में पूर्ण करवाने के निर्देश दिए। बैठक में क्षिप्रा को स्वच्छ, अविरल, प्रवाहमान बनाने एवं क्षिप्रा नदी से जिले को पेयजल उपलब्ध कराने की कार्ययोजना की विस्तृत चर्चा की गई।

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मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि यह एकीकृत परियोजनाओं की कार्ययोजना वर्ष 2055 तक की जनसंख्या को दृष्टिगत रखते हुए बनाई गई है। कान्ह डायवर्शन क्लोज डक्ट परियोजना के माध्यम से कान्ह नदी का अस्वच्छ पानी को ट्रीटमेंट कर स्वच्छ पानी गंभीर डाउनस्ट्रीम में छोड़ा जाएगा। सिलारखेड़ी-सेवरखेड़ी बैराज से क्षिप्रा में जल की आपूर्ति निरंतर होती रहेगी, जिससे क्षिप्रा अविरल और प्रवाहमान रहेगी। हरियाखेड़ी परियोजना त्रिवेणी के अपस्ट्रीम में होने के कारण यहां से क्षिप्रा नदी का शुध्द जल प्राप्त होगा, जिससे जिले को निरंतर पेयजल प्रदाय किया जाएगा।

कलेक्टर श्री नीरज कुमार सिंह ने जानकारी दी कि कान्ह डायवर्शन क्लॉज डक्ट परियोजना में क्लोज डक्ट 12 किलोमीटर लंबी टनल एवं 18.15 किलोमीटर क्लोज डक्ट से क्षिप्रा नदी को स्वच्छ करने का कार्य कान्ह नदी के पानी को अलग कर किया जाएगा। सेवरखेड़ी-सिलारखेड़ी परियोजना में बैराज निर्माण, बैलेंसिंग टैंक आदि निर्माण कार्य कर सिलारखेड़ी टैंक से त्रिवेणी घाट पाइपलाइन से ग्रेवेटी के माध्यम से क्षिप्रा में जल की सालभर उपलब्धता होगी, जिससे क्षिप्रा प्रवाहमान एवं अविरल रहेगी। हरियाखेड़ी वाटर ट्रीटमेंट प्लांट व बैराज परियोजना से जिले को निर्बाध रूप से पेयजल उपलब्ध निरंतर होता रहेगा।

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