कृषिका एप से किसानों के लिए आसान होगा किसान क्रेडिट कार्ड का लाभ उठाना
28 दिसंबर 2024, अजमेर: कृषिका एप से किसानों के लिए आसान होगा किसान क्रेडिट कार्ड का लाभ उठाना – किसानों को औपचारिक वित्तीय सेवाओं तक पहुंचाने के उद्देश्य से भारत सरकार द्वारा विकसित कृषिका एप (किसान ग्रामीण निवेश और ऋण सहायता) किसानों के लिए एक प्रभावी डिजिटल माध्यम साबित हो रहा है। यह एप विशेष रूप से उन किसानों के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो अब तक औपचारिक वित्तीय सेवाओं से वंचित रहे हैं।
भारत के कृषि परिदृश्य में तकनीकी और डिजिटल माध्यमों का महत्व तेजी से बढ़ रहा है। परंपरागत कृषि से आधुनिक कृषि की ओर कदम बढ़ाने के साथ, किसानों को डिजिटल साधनों के जरिए वित्तीय सहायता प्रदान करना सरकार की प्राथमिकता रही है। इसी क्रम में कृषिका एप किसानों के लिए औपचारिक वित्तीय सेवाओं को सुलभ और सरल बनाने के उद्देश्य से शुरू किया गया है।
कृषिका एप क्या है और कैसे करता है काम?
राजस्थान कृषि विभाग के उप निदेशक श्री शंकर लाल मीणा ने बताया कि कृषिका एप किसानों को डिजिटल माध्यम से औपचारिक वित्तीय सेवाओं तक पहुंचाने का एक बड़ा प्रयास है। यह एप आधार-आधारित ई-प्रमाणीकरण प्रक्रिया के जरिए किसानों की व्यक्तिगत, वित्तीय, भूमि और फसल संबंधी जानकारी दर्ज करने में मदद करता है। इसका उद्देश्य किसानों को वित्तीय समावेशन की मुख्यधारा से जोड़ना और औपचारिक ऋण तक उनकी पहुंच सुनिश्चित करना है।
एप का डिज़ाइन इस तरह तैयार किया गया है कि यह खासतौर पर उन किसानों को लाभ पहुंचाए, जो प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (पीएम-किसान) और प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) जैसी योजनाओं से जुड़े हैं, लेकिन औपचारिक ऋण प्रणाली का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं।
कृषि ऋण और किसान क्रेडिट कार्ड की भूमिका
श्री मीणा ने बताया कि कृषि और किसान कल्याण विभाग ने संशोधित ब्याज सब्सिडी योजना (एमआईएसएस) के तहत किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) जैसी योजनाएं लागू की हैं। यह योजना 1998 से कृषि ऋण प्रणाली को मजबूत करने में सहायक रही है।
एमआईएसएस के तहत, किसानों को 5 वर्षों तक के लिए ऋण प्रदान किया जाता है। समय पर ऋण चुकाने पर बैंकों को 1.5 प्रतिशत ब्याज सब्सिडी और किसानों को प्रोत्साहन मिलता है। हालांकि, यह भी देखा गया है कि कई किसान अब भी इस औपचारिक प्रणाली से वंचित हैं।
कृषिका एप से उम्मीदें और वर्तमान स्थिति
कृषिका एप विशेष रूप से वंचित किसानों को औपचारिक ऋण उपलब्ध कराने और प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसमें कृषि सखी, कॉमन सर्विस सेंटर और बैंकिंग कॉरेस्पॉन्डेंट जैसे सुविधाकर्ताओं को शामिल किया गया है। यह एप न केवल ऋण प्रक्रिया को सरल बनाता है बल्कि किसानों को उनकी जरूरतों के अनुसार व्यक्तिगत वित्तीय सेवाओं तक पहुंच भी सुनिश्चित करता है।
एप के जरिए किसानों को आधार-आधारित ई-प्रमाणीकरण के जरिए अपना पंजीकरण करना होगा। इसके बाद समग्र डेटा सबमिशन प्रक्रिया के तहत किसान अपनी व्यक्तिगत, वित्तीय और भूमि से जुड़ी जानकारी दर्ज कर सकते हैं।
श्री मीणा ने बताया कि कृषिका एप वर्तमान में परीक्षण चरण में है। उपयोगकर्ता स्वीकृति परीक्षण के जरिए यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि एप न केवल कार्यात्मक हो, बल्कि उपयोग में आसान और प्रदर्शन मानकों पर भी खरा उतरे।
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