राज्य कृषि समाचार (State News)

वैज्ञानिको से कृषि सखियों नें सीखी खेती की बारीकियां

05 मई 2025, भोपाल: वैज्ञानिको से कृषि सखियों नें सीखी खेती की बारीकियां – कृषि विज्ञान केंद्र-II, कटिया, सीतापुर में राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन अंतर्गत विकास खंड महमूदाबाद एवं बिसवां की कृषि सखियों हेतु पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। प्रशिक्षण के समापन सत्र में केन्द्र के अध्यक्ष व वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ दया शंकर श्रीवास्तव ने प्रतिभागियों को कृषि सखियों की प्राकृतिक खेती के प्रशिक्षण पर प्रकाश डालते हुए बताया कि महिलाओं को गौ-आधारित प्राकृतिक खेती के वैज्ञानिक एवं व्यावहारिक पहलुओं से सशक्त करना है।

प्रशिक्षण प्रभारी एवं मृदा वैज्ञानिक श्री सचिन प्रताप तोमर ने बताया कि प्राकृतिक खेती मिशन योजना, बीजामृत, जीवामृत, धनजीबमृत व प्राकृतिक खेती में कीटों एवं बीमारियों से फसल को बचाने के लिए दसपर्णी अर्क, नीमास्त्र, ब्रह्मास्त्र आदि को बनाने की विधियों के अतिरिक्त फसल अवशेष प्रबंधन, मिट्टी परीक्षण की विधि, पोषण वाटिका, भंडारण तकनीक पर भी विस्तार से जानकारी दी गई।

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सहायक विकास अधिकारी श्री रविन्द्र कुमार के प्राकृतिक खेती की अवधारणा को विस्तार से समझाया ।

प्रशिक्षण कार्यक्रम केन्द्र के पशुपालन वैज्ञानिक डॉ. आनंद सिंह ने देसी गाय के गोबर और गोमूत्र आधारित कृषि इनपुट जैसे बीजामृत, जीवनामृत, घनजीवामृत, दशपर्णी अर्क, नीमास्त्र आदि की उपयोगिता पर प्रकाश डाला।

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केन्द्र के प्रसार वैज्ञानिक श्री शैलेन्द्र कुमार सिंह ने प्रतिभागियों को राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन की नीति, उद्देश्यों एवं क्रियान्वयन प्रक्रिया की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मिशन का मुख्य फोकस फार्म पर निर्मित जैविक इनपुट के उपयोग को बढ़ावा देना, बाहरी खरीद पर निर्भरता कम करना तथा सतत कृषि प्रणाली को अपनाना है।

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केन्द्र की गृह विज्ञान विशेषज्ञ डा. रीमा ने प्राकृतिक खेती में मिलेट्स (मोटे अनाज) की वैज्ञानिक खेती, उत्पादन तकनीक, कीट एवं रोग प्रबंधन, जल संरक्षण तथा पोषण सुरक्षा पर विशेष व्याख्यान दिया। उन्होंने बताया कि मिलेट्स न केवल पोषक तत्वों से भरपूर हैं बल्कि जलवायु परिवर्तन के अनुकूल फसलें भी हैं, जो सतत कृषि विकास का आधार बन सकती हैं।

प्राकृतिक खेती के मास्टर ट्रेनर एवं कमुआ निवासी प्रगतिशील कृषक श्री अशोक कुमार गुप्ता ने बताया कि प्राकृतिक खेती द्वारा किसान भाई खेती की लागत के साथ गुणवत्तायुक्त अनाज, सब्जियां ले सकते हैं।

प्रक्षेत्र  प्रबंधक डॉ योगेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि प्राकृतिक खेती की सभी ने नई तकनीकों को सीखने में गहरी रुचि दिखाई और उम्मीद जताई कि यह प्रशिक्षण उनके समुदाय में प्राकृतिक खेती के प्रसार में उपयोगी सिद्ध होगा।

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