राज्य कृषि समाचार (State News)

आईटीसी मिशन सुनहरा कल का मास्टर ट्रेनर प्रशिक्षण

25 अक्टूबर 2021, जैसलमेर । आईटीसी मिशन सुनहरा कल का मास्टर ट्रेनर प्रशिक्षण – परमाणु नगरी में स्थित कृषि विज्ञान केंद्र के प्रशिक्षण सभागार मे नीति आयोग भारत सरकार के तहत आईटीसी मिशन सुनहरा कल के अंतर्गत एक दिवसीय मास्टर ट्रेनर प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमे कृषि विभाग के कृषि पर्यवेक्षक, सहायक कृषि अधिकारी, कृषि प्रसार कार्यकर्ता, पदाधिकारी इत्यादि ने प्रतिभाग किया। प्रशिक्षण का मुख्य उदेशय नीति आयोग के महत्वाकांक्षी जिले जैसलमर मे कृषि जोत योग्य भूमि को बढ़ाने के साथ साथ फसलों की उत्पादकता मे बढ़ोतरी करते हुये सिंचित क्षेत्रफल का प्रसार अधिक करना है । केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ बलवीर सिंह ने मिट्टी मे उपस्थित तत्वो, पानी की जाच, भूमि मे नमी, उपलब्ध कार्बनिक पदार्थाे, फसलों का स्वभाव, खडि़न पदत्ति, बागवानी, क्षेत्र अनुकूल सब्जी उत्पादन, खेत की मेड़ पर खेजड़ी, कुमट, शीशम लगाने जैसे इत्यादि मुद्दो पर परिचर्चा की। उन्होने रसायनिक उर्वरको, कीटनाशको, वृधिकारक हार्माेनो का उपयोग फसल की आवश्यकता अनुसार करने पर ज़ोर दिया। किसानों को लाभार्थी नहीं बनाकर सहयोगी बनाने से जिले मे कृषि विकास रफ्तार पकड़ेगा । नीति आयोग के मानको मे से कृषि एवं पशुपालन एक महत्वपूर्ण मानक है ।

केंद्र के सस्य वैज्ञानिक डॉ के जी व्यास ने जिले मे रबी की प्रमुख फसलों जैसे चना, सरसों, तारामीरा, जीरा आदि के फसल एवं जल प्रबंधन, कीट प्रबंधन, बीज चुनाव, बीज उपचार, रोग उपचार, उर्वरक उपयोग, उपयुक्त किस्मो इत्यादि कृषि तकनिकियों पर विस्तार पूर्वक जानकारी दी । प्रसार वैज्ञानिक सुनील शर्मा ने कृषि प्रसार कार्मिको को बताया कि फसल उत्पादन, उपज, उत्पादकता, लागत आदि का किसानो को पूर्ण रिकॉर्ड रखते हुये तुलनात्मक अध्यन करके सही तरह से खेती मे लाभ हानि का आकलन करना चाहिए । उन्होने सहभागी ग्रामीण मूल्यांकन, ज्ञान स्तर, तकनीकी ग्रहण क्षमता, आवश्यकता मूलयांकन, क्षमता आकलन, प्रभाव विश्लेषण आदि के बारे मे विस्तार पूर्वक जानकारी दी। केंद्र के पशुपालन वैज्ञानिक डॉ राम निवास ने पशुओ मे कृत्रिम गर्भाधान, टीकाकरण, रोग प्रबंधन, आहार प्रबंधन, हरे चारे, साईलेज, हेतु तकनीक पर प्रकाश डाला ।

उन्होने पशुपालन तकनीकीयों पर चर्चा करते हुये बताया कि इस समय उपलब्ध घास को सरक्षित करके अभाव के समय दूधारू पशुओ को डालकर आहार पर आने वाली लागत को कम किया जा सकता है । आईटीसी मिशन के प्रतिनिधि श्याम शर्मा ने प्रशिक्षण सत्र मे नीति आयोग के उद्देश्य, महत्वाकांक्षी जिले से अपेक्षाये, स्कोप एवं मिशन की रूपरेखा से अवगत कराया। कार्यक्रम के अंतिम मे कृषि तकनीकी प्रसार पदाधिकारियों से खेती एवं पशुपालन समन्धित समस्यायों एवं सवालों का कृषि वैज्ञानिको द्वारा निराकरण किया गया ।

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