लगातार वर्षा से खरीफ फसलें प्रभावित होने की आशंका
13 सितम्बर 2024, भोपाल: लगातार वर्षा से खरीफ फसलें प्रभावित होने की आशंका – पिछले दिनों लगातार हो रही वर्षा के चलते मध्य प्रदेश के नदी,नाले सब उफान पर है। खेत वर्षा के पानी से लबालब हैं। जिसके चलते कई स्थानों पर खरीफ मौसम की फसलें भी डूब में आ चुकी है।यदि खेतों में पानी भरा रहा तो उसके चलते दलहनी,तिलहनी,सब्जी व फूल की खेती में नुकसान होने का अंदेशा है। यह नुकसान 30 से 50 फीसद तक होने की आशंका है। जबकि कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि रबी की फसलों के लिए यह पानी लाभदायी साबित होगा। जिससे पैदावार बढ़ेगी और किसानों को मुनाफा होगा।
दलहनी – तिलहनी फसलों में 20-30 प्रतिशत नुकसान हो सकता-
राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्व विद्यालय के कृषि वैज्ञानिक डा शैलेन्द्र सिंह कुशवाह का कहना है कि खरीफ मौसम में की जाने वाली दलहनी फसलें जैसे मूंग, उड़द,अरहर आदि में करीब 20 से 30 फीसदी तक नुकसान अति वर्षा के कारण हो सकता है। लगातार हो रही वर्षा के कारण दहलनी फसलों की फली सड़ गल सकती है, दाने खराब हो सकते हैं। इसी तरह से तिल की फसल को भी नुकसान हो सकता है। इसकी फली खराब हो सकती है और तिल काली पड़ सकती है। इसी तरह से मूंगफली की फसल को भी नुकसान हो सकता है। वही बाजरा व ज्वार की फसल गिरने से उसमें भी नुकसान हो सकता है।
सब्जी फसल में 50 फीसद तक का खराबी का अंदेशा-
कृषि वैज्ञानिक का कहना है कि इसी तरह से सब्जी की फसलों में जिन में हाल ही में पौध लगाई गई है उनमें 50 फीसद तक का नुकसान होने की आशंका है। पानी और हवा के कारण फसल जमीन पर गिर सकती है। इसलिए फसल को गिरने से रोकने का प्रबंध किसान करें।
रबी फसल के लिए लाभदायक-
कृषि वैज्ञानिक का कहना है कि यह पानी रबी की फसलों के लिए लाभदायक होगा। क्योंकि लगातार पानी गिरने से जल स्रोत रीचार्ज हो चुके हैं। जिससे जमीन का वाटर लेवल बढ़ेगा। किसानों को चाहिए कि खाली पड़े तालाब , पोखर में वर्षा के पानी को रोक कर रखें । सिंचित स्थानों पर तोरिया व सरसों की फसल की जल्द बुवाई की जा सकेगी जिससे उसकी पैदावार भी अच्छी होगी और कम पानी की जरूरत पड़ेगी। इसी तरह से गेहूं के लिए भी यह पानी लाभदायक होगा।
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