राज्य कृषि समाचार (State News)

झाबुआ जिले में अरहर पूसा- 16 जैसी नूतन किस्म की भरपूर सम्भावनाएं

14 दिसंबर 2024, झाबुआ: झाबुआ जिले में अरहर पूसा- 16 जैसी नूतन किस्म की भरपूर सम्भावनाएं – कलेक्टर नेहा मीना द्वारा  कृषि  अंतर्गत किये जा रहे नवाचारों  के सम्बन्ध में समीक्षा बैठक आयोजित की गई। सामान्यतः अरहर की फसल छः से सात माह की होती है। अधिक अवधि की फसल होने के कारण किसान अरहर के बाद दूसरी फसल नहीं ले पाते  हैं ।  वैज्ञानिकों  द्वारा अरहर की कम अवधि की  किस्में  विकसित की गई है। पूसा अरहर-16 जैसी कम अवधि वाली  किस्म  को जिले में नवाचार के रूप में चिन्हांकित  कृषकों के यहां लगाया गया है, जिसके संतोषजनक परिणाम रहे।

जिले में दलहनी  फसलों  के रकबे में विस्तार के लिए अरहर पूसा-16 जैसी किस्में  मील  का पत्थर साबित हो सकती हैं। अरहर पूसा-16 कम अवधि (120 दिन) में पककर तैयार हो जाती है, जिससे किसान रबी मौसम में  गेहूं , चना जैसी फसल का उत्पादन भी ले सकते  हैं । खेती किसानी अंतर्गत नवाचारी  प्रयासों  की विस्तार से समीक्षा और दस्तावेजीकरण के सम्बन्ध में आयोजित बैठक के दौरान कलेक्टर द्वारा  आंकड़ों  का  वैज्ञानिक ढंग से संकलन और विश्लेषण के निर्देश दिए गए ।  कृषकों  के स्तर पर अरहर की कम अवधि की किस्म की स्वीकारोक्ति होने के फलस्वरूप आगामी वर्षो में विस्तार किये जाने के निर्देश दिए गए । इस खरीफ मौसम में उत्पादित फसल उपज को   किसानों के स्तर पर संरक्षित भी किये जाने की आवश्यकता व्यक्त की गई।

Advertisement
Advertisement

बैठक के दौरान उप संचालक कृषि श्री एन.एस.रावत, कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ.जगदीश मौर्य, डॉ.डी.एस. तोमर  द्वारा अरहर की नवीन किस्म के सम्बन्ध में अब तक किये गये  तकनीकी  और  वैज्ञानिक  कार्यो की विस्तार से प्रगति प्रस्तुत की गई। बैठक के दौरान कृषि विभाग के परियोजना संचालक आत्मा, सहायक संचालक कृषि सहित अनुविभागीय अधिकारी श्री एल.एस.चारेल,विकासखंड स्तरीय वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी उपस्थित थे ।

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्रामव्हाट्सएप्प)

(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)

कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

Advertisement8
Advertisement

www.krishakjagat.org/kj_epaper/

Advertisement8
Advertisement

कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.en.krishakjagat.org

Advertisements
Advertisement5
Advertisement