राज्य कृषि समाचार (State News)

मध्य प्रदेश में 13 लाख हेक्टेयर से अधिक में लगेंगी जायद फसलें

बोनस फसल ‘मूंग’ का बढ़ रहा रकबा

लेखक: अतुल सक्सेना, वरिष्ठ पत्रकार

08 मार्च 2025, भोपाल: मध्य प्रदेश में 13 लाख हेक्टेयर से अधिक में लगेंगी जायद फसलें – मध्य प्रदेश में पिछले कुछ वर्षों से तीसरी फसल के रूप में जायद फसलों का रकबा बढ़ता जा रहा है। मुख्य रूप से मूंग, मूंगफली, मक्का, उड़द एवं धान फसल जायद में ली जाती हैं। इसमें सबसे प्रमुख एवं किसानों को मुनाफा देने वाली फसल मूंग है जिसे जायद में सबसे अधिक क्षेत्र में प्रदेश के किसान अपनाने लगे हैं। चालू जायद वर्ष 2025 में लगभग 11 लाख 59 हजार हेक्टेयर में मूंग लेने का लक्ष्य रखा गया है। गत वर्ष जायद में 11 लाख हेक्टेयर में मूंग फसल लेने का लक्ष्य रखा गया था परन्तु बुआई लगभग 13 लाख हेक्टेयर में हो गई थी। समर्थन मूल्य में बेहतर कीमत मिलने के कारण गत वर्ष किसानों को लाभ हुआ, इसे देखते हुए लक्ष्य में इस वर्ष वृद्धि की गई है तथा किसान मूंग लगाने के प्रति उत्साहित भी हैं। कृषि विभाग ने जायद में मूंग सहित अन्य प्रमुख फसलों के लक्ष्य तय कर दिए हैं। लगभग 13 लाख 47 हजार हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में फसलें लेने का लक्ष्य रखा गया है।

मूंग रकबे का लक्ष्य

जानकारी के मुताबिक देश एवं प्रदेश में सबसे अधिक मूंग फसल लेने वाला नर्मदापुरम जिला है। इस वर्ष यहां लगभग 2.50 लाख हेक्टेयर में मूंग लेने का लक्ष्य रखा गया है। दूसरे नम्बर पर रायसेन जिला है। यहां 1.50 लाख हेक्टेयर में मूंग ली जाएगी। तीसरे नम्बर पर हरदा जिला है यहां 1.46 लाख हेक्टेयर में मूंग ली जाएगी। इसी प्रकार नरसिंहपुर जिले में 1.20 लाख हेक्टेयर में मूंग लगाने का लक्ष्य है, वहीं सीहोर जिले में 1 लाख, जबलपुर 60 हजार, कटनी 52 हजार, देवास 46 हजार, दमोह 45 हजार एवं खंडवा में 36 हजार हेक्टेयर में मूंग लेने का लक्ष्य रखा गया है।

एमएसपी पर खरीदी

दलहन-तिलहन में आत्मनिर्भरता लाने के प्रयास में केन्द्र सरकार ने गत वर्ष प्रदेश में किसानों से मूंग, उड़द, सोयाबीन खरीदने की अनुमति दी थी तथा इसमें मूंग का समर्थन मूल्य 8558 रुपए प्रति क्विंटल था। परन्तु इस वर्ष 2024-25 में मूंग के समर्थन मूल्य में लगभग 124 रुपए की वृद्धि करते हुए एमएसपी 8682 रुपए क्विंटल किया गया है। इस समर्थन मूल्य पर विपणन वर्ष 2025-26 में फसलों की खरीदी होगी। इसे देखते हुए किसान मूंग लगाने के प्रति आकर्षित हो रहे हैं।

जायद फसलों का रकबा

कृषि विभाग के मुताबिक प्रदेश में जायद की अन्य फसलें इस वर्ष जैसे- मूंगफली 19586 हेक्टेयर में, मक्का 27877 हेक्टेयर, उड़द 95260 हेक्टेयर एवं ग्रीष्मकालीन धान 45132 हेक्टेयर में लेने का लक्ष्य रखा गया है।

60 दिन की मूंग फसल किसानों के लिए काफी लाभदायक है। इससे कृषकों की आय में इजाफा होता है। यह तीसरी फसल के रूप में वर्षा के पूर्व किसान को आर्थिक राहत देती है।

किसानों को दलहन-तिलहन की खेती बढ़ानी होगी

केन्द्र सरकार के मुताबिक दलहन-तिलहन में आत्मनिर्भरता के लिए किसानों को जल्द से जल्द गेहूं और चावल के बजाय दलहन और तिलहन की खेती बढ़ानी पड़ेगी। आजादी के शताब्दी वर्ष यानी 2047-48 तक देश में दलहन-तिलहन की मांग उपज से ज्यादा हो जाएगी और उसे काबू में करने के लिए गेहूं-चावल उगाने वाले किसानों को इन फसलों का रुख करना पड़ेगा। सामान्य स्थिति में आजादी के शताब्दी वर्ष 2047-48 तक भारत में दलहन का उत्पादन बढ़कर 4.7 करोड़ टन हो जाएगा, जो 2019-20 में करीब 2.3 करोड़ टन था। मगर इस दौरान मांग बढ़कर तकरीबन 4.9 करोड़ टन हो जाएगी, जिस हिसाब से करीब 20 लाख टन दलहन की कमी होगी। इसलिए सचेत रहने की आवश्यकता है।

मध्य प्रदेश में मूंग के टॉप 10 जिले
जिला क्षेत्र (हे. में)
नर्मदापुरम250000
रायसेन150000
हरदा146000
नरसिंहपुर120000
सीहोर100000
जबलपुर60000
कटनी52000
देवास46000
दमोह45000
खंडवा36000

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