State News (राज्य कृषि समाचार)

परियोजनाओं से खरीफ में अब तक लगभग 10 लाख हेक्टेयर में सिंचाई

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30 अगस्त 2021, रायपुर । परियोजनाओं से खरीफ  में अब तक लगभग 10 लाख हेक्टेयर में सिंचाई – जल संसाधन मंत्री श्री रविन्द्र चौबे ने जल संसाधन विभाग के अधिकारियों की बैठक लेकर खरीफ फसलों की सिंचाई के लिए जलापूर्ति एवं सिंचाई परियोजना के निर्माण की अद्यतन स्थिति की समीक्षा की। श्री चौबे ने राज्य के कुछ इलाकों में अल्प वर्षा की स्थिति को देखते हुए विभागीय अधिकारियों को सिंचाई के लिए बांधों एवं जलाशयों से यथासंभव जलापूर्ति जारी रखने के निर्देश दिए। उन्होंने गंगरेल बांध में जल भराव की स्थिति के बारे में भी अधिकारियों से जानकारी ली। चालू खरीफ सीजन में अब तक विभिन्न सिंचाई परियोजनाओं एवं जलाशयों के जरिए राज्य में लगभग 10 लाख हेक्टेयर में सिंचाई के लिए जलापूर्ति की जा चुकी है। बैठक में अपर मुख्य सचिव जल संसाधन श्री सुब्रत साहू, सचिव श्री अविनाश चंपावत, मुख्य अभियंता श्री इंद्रजीत उइके सहित मुख्य अभियंता एवं अधीक्षण अभियंतागण उपस्थित थे। 

मंत्री श्री चौबे ने अधिकारियों को बजट में शामिल सिंचाई परियोजनाओं विशेषकर लिफ्ट इरिगेशन एवं इंटर लिंकिंग प्रोजेक्ट के कामों को तेजी से अमल में लाए जाने के निर्देश दिए। बैठक में बस्तर संभाग के दंतेवाड़ा, नारायणपुर, सुकमा एवं बीजापुर जिले में सिंचाई के उपयुक्त साईट पर माईनर प्रोजेक्ट के निर्माण के प्रस्ताव को लेकर भी उन्होंने अधिकारियों से जानकारी ली और इसकी प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त कर तेजी से काम शुरू कराने के निर्देश दिए।

श्री चौबे कहा कि महानदी में बने बैराजों से पानी लिफ्ट कर किसानों को सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता है। यहां यह उल्लेखनीय है कि वर्ष 2020-21 के नवीन मद में 14 तथा वर्ष 2021-22 के नवीन मद में 29 लिफ्ट एरिगेशन प्रोजेक्ट शामिल हैं। अपर मुख्य सचिव जल संसाधन श्री सुब्रत साहू ने लिफ्ट एरिगेशन प्रोजेक्ट के शेष प्रस्ताव को शीघ्र जमा कराने के निर्देश अधिकारियों को दिए।

बैठक में जानकारी दी गई कि गंगरेल बांध से बीते 16 अगस्त से कमाण्ड एरिया के किसानों को सिंचाई के लिए पानी दिया जा रहा है। गंगरेल बांध से 5000 से 7500 क्यूसेक पानी सिंचाई के लिए छोड़ा जा रहा है। कोडार परियोजना से भी सिंचाई के लिए अब तक 16 हजार हेक्टेयर में पानी दिया जा चुका है। जोंक परियोजना के माध्यम से खरीफ फसलों के एक चक्र की सिंचाई के लिए जलापूर्ति की जा चुकी है । 

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