किसान अब 1.60 लाख रुपये तक का ऋण मोबाइल से ही स्वीकृत करा सकेंगे
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की सी.ई.ओ. की उपस्थति में के.सी.सी. का डिजिटाईजेशन प्रारम्भ
20 सितम्बर 2022, हरदा । किसान अब 1.60 लाख रुपये तक का ऋण मोबाइल से ही स्वीकृत करा सकेंगे – यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की एम.डी. एवं सी.ई.ओ. सुश्री ए मणिमेखलै के मुख्य अतिथ्य में हरदा जिले में किसान क्रेडिट कार्ड के डिजिटाईज़ेशन का कार्य प्रारम्भ हुआ। . सुश्री ए मणिमेखलै ने कहा कि हरदा जिले में के.सी.सी. ऋण देने की प्रक्रिया को डिजिटल बनाने के उद्देश्य से किसान क्रेडिट कार्ड का डिजिटलीकरण पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया गया है, बाद में इसका मध्यप्रदेश के अन्य जिलों में धीरे-धीरे विस्तार किया जाएगा । सी.ई.ओ. ने कहा कि देश में सबसे पहले डिजिटल किसान क्रेडिट कार्ड स्वीकृत करने का कार्य हरदा जिले में प्रारम्भ किया गया है क्योंकि यहां का भू-अभिलेख व्यवस्थित व डिजिटलाइज्ड है। उन्होने कहा कि यहां के किसान उन्नत खेती करते है। कोई भी किसान डिजिटल के.सी.सी. की मदद से 1.60 लाख रूपये तक का ऋण अब अपने मोबाइल के माध्यम से ही स्वीकृत कराकर प्राप्त कर सकता है। इसके लिये उसे बैंक की शाखा या अन्य किसी कार्यालय के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं है। .इस अवसर पर कलेक्टर श्री ऋषि गर्ग, वनमण्डलाधिकारी श्री अंकित पाण्डे, जिला पंचायत के सीईओ श्री राम कुमार शर्मा, यूनियन बैंक के आंचलिक प्रबन्धक श्री रूपलाल मीणा, रिजर्व बैंक इनोवेशन हब के मुख्य उत्पाद प्रबन्धक श्री राकेश रंजन सहित विभिन्न अधिकारी भी मौजूद थे।
इन्हें दी गई सहायता
कार्यक्रम में बैंक के सी.एस.आर. फण्ड से छात्राओं को स्कूल बेग प्रदान किये गये तथा श्रीमती सोनिका गुर्जर सहित कुछ महिलाओं को सिलाई मशीन प्रदान की गई। इस अवसर पर वनाधिकार पट्टे धारक श्रीमती पार्वती कोरकू व सुखलाल कोरकू को ऋण स्वीकृति पत्र प्रदान किया गया तथा नारी शक्ति योजना के तहत श्रीमती ममता को ऋण स्वीकृति पत्र दिया गया। प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत श्री महेश मराठा, पशु पालन के लिये श्री राधाकृष्ण को, सांई स्वसहायता समूह की महिलाओं को स्वरोजगार के लिये ऋण स्वीकृति पत्र प्रदान किये गये। कलेक्टर श्री गर्ग ने इस अवसर पर यूनियन बैंक के अधिकारियों का इस बात के लिये आभार प्रकट किया कि उन्होने डिजिटल क्रेडिट कार्ड के लिये सबसे पहले हरदा जिले का चयन किया। उन्होने कहा कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया तथा यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के इस संयुक्त नवाचार से छोटे किसानों को भी लाभ मिलेगा। उन्होने कहा कि वनाधिकार पट्टे धारकों को भी खेती के लिये ऋण हेतु डिजिटल क्रेडिट कार्ड की सुविधा मिले, यह प्रयास बैंक प्रतिनिधियों को करना चाहिए।
डिजिटल के.सी.सी. धारक किसानों के अनुभव
कार्यक्रम में किसान श्री शेरसिंह मौर्य को पहला डिजिटल किसान क्रेडिट कार्ड अतिथियों ने प्रदान किया। किसान क्रेडिट कार्ड पाने वाली जिले की पहली महिला श्रीमती नीलम रमेश गुर्जर ने भी मंच से अपने अनुभव साझा किये और बताया कि मात्र आधा घण्टे में 1.60 लाख रूपये का ऋण मोबाइल के माध्यम से ही प्राप्त हो गया। इसके लिये उन्हें मोबाइल के माध्यम से अपना आधार नम्बर तथा बोई गई फसल के बारे में जानकारी भरना पड़ी और घर बैठे यह कार्य हो गया।
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