गांव-गांव पहुंचेगा निवेश! सहकारिता क्षेत्र में ₹2305 करोड़ की नई सौगात
27 फ़रवरी 2025, भोपाल: गांव-गांव पहुंचेगा निवेश! सहकारिता क्षेत्र में ₹2305 करोड़ की नई सौगात – ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दूसरे दिन सहकारिता क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि हासिल हुई। कोऑपरेटिव पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (सीपीपीपी) मॉडल के तहत 2305 करोड़ रुपये की कुल राशि के 19 एमओयू (समझौता ज्ञापन) पर हस्ताक्षर किए गए। इन समझौतों में रिलायंस, वैद्यनाथ ग्रुप, मैजेस्टिक बासमती राइस, आरएम ग्रुप और मशरूम वर्ल्ड जैसी कंपनियों ने निवेश का प्रस्ताव रखा है।
सहकारिता क्षेत्र में निवेश का बड़ा कदम
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में सहकारिता क्षेत्र को विशेष महत्व दिया गया। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि व्यापार और व्यवसाय में सहकारिता की भूमिका अहम है। दुग्ध क्षेत्र, पर्यटन और एमएसएमई जैसे क्षेत्रों में सहकारिता का विशेष योगदान है। उन्होंने कहा कि यह एमओयू सहकारिता और अर्थव्यवस्था को नया आयाम देने में मददगार साबित होंगे।
सहकारिता मंत्री श्री विश्वास कैलाश सारंग ने सीपीपीपी मॉडल की घोषणा करते हुए कहा कि यह मॉडल देश की सहकारिता को नई दिशा देगा। उन्होंने कहा, “सहकारिता के बिना रोजमर्रा की जिंदगी की कल्पना नहीं की जा सकती। इस क्षेत्र में बड़े उद्योगपतियों को जोड़ना जरूरी है।”
किन कंपनियों ने किया निवेश?
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में सहकारिता क्षेत्र के लिए किए गए एमओयू में शामिल प्रमुख कंपनियां और उनके निवेश इस प्रकार हैं:
- रिलायंस: 1,000 करोड़ रुपये
- मैजेस्टिक बासमती राइस: 1,000 करोड़ रुपये
- वैद्यनाथ ग्रुप: निवेश का प्रस्ताव
- आरएम ग्रुप: 100 करोड़ रुपये
- मशरूम वर्ल्ड: 100 करोड़ रुपये
- वी विन लिमिटेड: 40 करोड़ रुपये
- न्यूट्रेलिस कृषि उत्पादक सहकारी समिति: 30 करोड़ रुपये
- एग्रीविस्टा एआई प्राइवेट लिमिटेड: 25 करोड़ रुपये
- सवीर बायोटेक लिमिटेड: 10 करोड़ रुपये
सहकारिता विभाग में निवेश विंग की स्थापना
सहकारिता मंत्री श्री सारंग ने घोषणा की कि सहकारिता विभाग में एक निवेश विंग स्थापित की जाएगी। यह विंग दैनिक आधार पर काम करेगी और निवेशकों की गतिविधियों की निगरानी करेगी। उन्होंने निवेशकों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह निवेश देश और प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करेगा।
सहकारिता का विस्तार और भविष्य
केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री सिद्धार्थ ने कहा कि सहकारिता भारत का संस्कार है। उन्होंने बताया कि देशभर में एक लाख से अधिक सहकारी समितियां हैं और लगभग 30 करोड़ लोग इससे जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि सहकारिता क्षेत्र में कंप्यूटरीकरण का काम तेजी से चल रहा है, जो इसे और मजबूत बनाएगा।
अपर मुख्य सचिव श्री अशोक बर्णवाल ने कहा कि मध्यप्रदेश में सहकारिता का नेटवर्क काफी मजबूत है। राज्य में 1.09 करोड़ सदस्य और 16 हजार आउटलेट हैं। उन्होंने निवेशकों से कहा कि मध्यप्रदेश में सहकारिता समितियां हर जरूरत को पूरा करने में सक्षम हैं।
कार्यक्रम में मौजूद निवेशकों ने भी अपने विचार साझा किए। रिलायंस के श्री कुमार अभिषेक, एग्रीविस्टा के श्री राजीव सिंह, वैद्यनाथ ग्रुप के श्री अनिरुद्ध गौर और मैजेस्टिक बासमती के श्री विज्ञान लोधा ने सहकारिता क्षेत्र में निवेश के अपने अनुभव और योजनाओं के बारे में बताया।
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