मध्य प्रदेश में खनन क्षेत्र में 20,000 करोड़ के निवेश प्रस्ताव, सरकार ने दी निवेशकों को सुविधाएं
19 अक्टूबर 2024, भोपाल: मध्य प्रदेश में खनन क्षेत्र में 20,000 करोड़ के निवेश प्रस्ताव, सरकार ने दी निवेशकों को सुविधाएं – मध्य प्रदेश में खनन क्षेत्र के विकास को प्रोत्साहन देने के लिए आयोजित खनिज कॉन्क्लेव में राज्य सरकार को 20,000 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव मिले हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस दो दिवसीय कॉन्क्लेव के समापन समारोह में बताया कि प्रदेश की खनिज संपदा के बेहतर दोहन के लिए नए निवेशकों को सरकार हर आवश्यक सुविधा मुहैया कराएगी। इस कॉन्क्लेव में 11 औद्योगिक संस्थानों ने लगभग 19,650 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्रस्तुत किए।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि एमओआईएल औरमध्य प्रदेश राज्य खनिज निगम लिमिटेड के बीच खनिज ब्लॉक को लेकर “संयुक्त उद्यम समझौता” भी हस्ताक्षरित हुआ है। उन्होंने इस कॉन्क्लेव को सफल बताते हुए कहा कि आने वाले समय में राज्य के खनिज राजस्व में 5 गुना वृद्धि का लक्ष्य है। इसके लिए भू-गर्भ वैज्ञानिकों और खनिज विभाग के विशेषज्ञों के साथ राज्य सरकार मिलकर कार्य करेगी।
प्रदेश में 11 संस्थानों ने दिए प्रमुख निवेश प्रस्ताव
इस कॉन्क्लेव में प्रमुख औद्योगिक संस्थानों द्वारा विभिन्न परियोजनाओं के लिए निवेश प्रस्ताव रखे गए। इनमें ल्यूगांग इंडिया द्वारा माइनिंग उपकरण निर्माण इकाई के लिए 250 करोड़ रुपये का प्रस्ताव, इंडियन रेयर अर्थ्स मुंबई द्वारा भोपाल जिले में रेयर मेटल्स क्लस्टर की स्थापना, और डालमिया सीमेंट द्वारा सतना में 3,000 करोड़ रुपये के निवेश के साथ सीमेंट प्लांट की स्थापना शामिल हैं।
अन्य निवेश प्रस्तावों में बालाघाट और खरगौन में 2,000 करोड़ रुपये के निवेश से कॉपर रॉकफॉस्फेट प्लांट, उमरिया और शहडोल में स्टील प्लांट्स की स्थापना, और बैतूल व छिंदवाड़ा में 5,000 करोड़ रुपये का निवेश कोल बेड मीथेन और कोल गैसीफिकेशन में शामिल हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस कॉन्क्लेव को प्रदेश के खनन क्षेत्र के लिए मील का पत्थर बताया। उन्होंने कहा कि खनिज संपदा के उचित दोहन के लिए प्रदेश सरकार उद्यमियों को हर संभव सहयोग देगी। खनन क्षेत्र में निवेश बढ़ाने से न केवल राज्य का आर्थिक विकास होगा, बल्कि युवाओं को रोजगार के नए अवसर भी मिलेंगे।
मध्य प्रदेश में सोना और हीरा उत्पादन में वृद्धि की उम्मीद
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने यह भी जानकारी दी कि प्रदेश में हीरा खनन के साथ-साथ अब सोने का उत्पादन भी शुरू होने की संभावनाएं हैं। उन्होंने गर्व से बताया कि अयोध्या में राम मंदिर के गर्भगृह में इस्तेमाल होने वाले पत्थर मध्य प्रदेश के मंडला जिले से आए हैं, जो राज्य की खनिज संपदा की गुणवत्ता को दर्शाते हैं।
निवेशकों को मिलेगी हर जरूरी सहायता
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार खनन क्षेत्र में निवेशकों के लिए हर संभव मदद करेगी। वन स्टॉप सेंटर के माध्यम से खनन संबंधी सभी सुविधाएं एक ही जगह पर प्रदान की जाएंगी। इसके साथ ही, राज्य सरकार खनिज क्षेत्र में नई तकनीक और नवाचार को बढ़ावा देगी, जिससे इस क्षेत्र में निवेश और उत्पादन को नई ऊंचाइयां मिलेंगी।
प्रदर्शनी और नई तकनीक का प्रदर्शन
इस अवसर पर खनन उपकरणों की प्रदर्शनी भी लगाई गई, जहां नवीनतम तकनीक और उपकरणों का प्रदर्शन किया गया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदर्शनी का अवलोकन किया और आधुनिक खनन मशीनों की जानकारी प्राप्त की। इस दौरान जीएसआई और मध्य प्रदेश खनिज संसाधन विभाग के स्टॉल भी शामिल थे।
इस कॉन्क्लेव में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और ड्रोन तकनीक पर भी चर्चा की गई, जिससे माइनिंग सेक्टर में बड़े बदलाव लाने की संभावनाएं हैं। इसके साथ ही, डिजिटाइजेशन और एआई तकनीक के माध्यम से खनिज क्षेत्र में होने वाले कार्यों की दक्षता बढ़ाने पर भी जोर दिया गया।
मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन ने बताया कि अगले 25 वर्षों में भारत विश्व की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक होगा। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश खनिज संसाधनों के मामले में देश का अग्रणी राज्य बनेगा और आने वाले समय में यह राज्य औद्योगिक विकास के क्षेत्र में तेजी से प्रगति करेगा।
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