उन्नत खरपतवार प्रबंधन रणनीति पर अन्तर्राज्यीय कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न
14 दिसंबर 2024, जबलपुर: उन्नत खरपतवार प्रबंधन रणनीति पर अन्तर्राज्यीय कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न – भा.कृ.अनु.प.-खरपतवार अनुसंधान निदेशालय, जबलपुर द्वारा कृषि विस्तार उपमिशन योजना (SMAE), कृषि विभाग, आगरा जनपद, उत्तर प्रदेश के सहयोग से ‘उन्नत खरपतवार प्रबंधन रणनीति ‘ विषय पर पाँच दिवसीय अन्तर्राज्यीय कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम 9 से 13 दिसंबर, आयोजित किया गया, जिसमें 26 प्रगतिशील कृषक और 4 कृषि अधिकारी शामिल हुए। इस कार्यक्रम का उद्देश्य प्रतिभागियों को आधुनिक खरपतवार प्रबंधन तकनीकों का ज्ञान और व्यावहारिक अनुभव प्रदान करना था।
उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि डॉ. एस.आर.के. सिंह, निदेशक, भा.कृ.अनु.प.-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान (ATARI), जबलपुर ने टिकाऊ कृषि उत्पादन के लिए एकीकृत खरपतवार प्रबंधन अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया। डॉ. पी.के. सिंह, निदेशक, भा.कृ.अनु.प.-खरपतवार अनुसंधान निदेशालय जबलपुर, जो पाठ्यक्रम निदेशक भी थे, ने कार्यक्रम के उद्देश्यों और खरपतवार नियंत्रण में नवाचारों की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।
प्रशिक्षण में विशेषज्ञों द्वारा जैविक, रासायनिक, यांत्रिक एवं एकीकृत खरपतवार प्रबंधन के साथ-साथ प्राकृतिक खेती, संरक्षित कृषि, और ड्रोन के माध्यम से खरपतवार प्रबंधन जैसे आधुनिक तकनीकों पर व्याख्यान के माध्यम से चर्चा की गई। गैर-फसलीय क्षेत्रों और जलाशयों में खरपतवार प्रबंधन के साथ-साथ आईसीटी उपकरणों के कृषि में उपयोग पर भी विशेष सत्र आयोजित किए गए। मिलेट फसलों में खरपतवार प्रबंधन पर प्रशिक्षण प्रदान कर किसानों को अपने कृषि प्रणाली में मिलेट को शामिल करने के लिए प्रेरित किया गया। साथ ही, फसलों में कीट और रोग प्रबंधन के विकल्पों तथा मिट्टी के स्वास्थ्य और पारिस्थितिकी तंत्र में शाकनाशियों की भूमिका और उसकी सतर्कता पूर्ण उपयोग पर भी प्रशिक्षण प्रदान किया गया। प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागियों ने कृषि विश्वविद्यालय, जबलपुर और बोरलॉग इंस्टीट्यूट फॉर साउथ एशिया, जबलपुर के साथ-साथ ICAR-DWR की विभिन्न सुविधाओं जैसे कार्यशाला, अनुसंधान प्रक्षेत्र, OTC और FACE सुविधाएँ, संग्रहालय-सह-जानकारी केंद्र, जैविक नियंत्रण इकाई और फाइटोरेमेडिएशन इकाई का भ्रमण किया। जिससे प्रतिभागियों को उन्नत कृषि तकनीकों और खरपतवार प्रबंधन विधियों का व्यावहारिक अनुभव मिला।
प्रशिक्षण का समापन डॉ. ए .के. विश्वकर्मा, परियोजना समन्वयक, भा.कृ.अनु.प.-समन्वयन इकाई (तिल और रामतिल), जेएनकेवीवी कैंपस, जबलपुर के मुख्य आतिथ्य में हुआ। उन्होंने वैज्ञानिक ज्ञान को खेतों तक पहुँचाने के महत्व पर बल दिया। अंत में प्रतिभागियों को प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूरा करने पर प्रमाण पत्र वितरित किए गए। कार्यक्रम में निदेशालय के वैज्ञानिकों, अधिकारियों, कर्मचारियों एवं विद्यार्थियों का सराहनीय सहयोग रहा। कार्यक्रम का संचालन डॉ. चेतन सी.आर. और डॉ. जे.के. सोनी द्वारा किया गया। समापन धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।
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