खड़ीन क्षेत्रों में रबी फसलों में समन्वित पोषक तत्व प्रबंधन की दी जानकारी
22 जनवरी 2025, भोपाल: खड़ीन क्षेत्रों में रबी फसलों में समन्वित पोषक तत्व प्रबंधन की दी जानकारी – बुधवार को कृषि विज्ञान केंद्र पोकरण द्वारा लवा ग्राम पंचायत के रायड़ ग्राम में खड़ीन क्षेत्रों में समन्वित खेती प्रणाली तकनीक एवं पोषक तत्व प्रबंधन विषयक किसान चौपाल का आयोजन किया गया। केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ दशरथ प्रसाद ने बताया कि इस वर्ष ठण्ड एवं कोहरा के दौरान रहने वाली नमी का अच्छा फायदा खड़िन किसानों को मिल रहा है जिससे रबी फसलों की बढ़वार अच्छी हो रही है। जीरे में झुलसा, जड़ गलन एवं चने में हरी सुंडी का प्रकोप होने पर किसान उचित रोग प्रबंधन अपनाकर होने वाली क्षति को कम कर सकते है । मौसम अनुकूल होने के कारण खड़ींन में चना, गेहूँ, सरसों की फसलों की बढवार अच्छी हो रही है।
केंद्र के प्रसार वैज्ञानिक सुनील शर्मा ने बताया कि क्षेत्र में वर्षा जल को संरक्षित कर खड़ीन व्यवस्था से खेती की जाती है, जिसमे यहां के लोग अपने खेतों में एक जगह पर बरसाती पानी का संग्रहण करते और उसके बाद उस पर खेती करते है। उन्होंने बताया की वर्तमान में मौसम को देखते हुए पाला पड़ने की स्थिति में रात्री के समय धुंवा करने या पानी की उपलब्धता हों तो हल्की सिंचाई करने की सलाह दी तथा यदि रासायनिक प्रबंधन कर सकें तो एक मी.ली. गंधक के तेज़ाब को प्रति लीटर पानी के हिसाब से घोल बनाकर छिडकाव भी किया जा सकता है। किसान चौपाल के दौरान केंद्र के पशुपालन वैज्ञानिक डॉ राम निवास ने बताया कि इस बार सभी खड़िन फसले रोग एवं कीट पतंगो से मुक्त है तथा जैविक खाद का उपयोग करने से उत्पादन मे बढ़ोतरी होगी। उन्होने कृषकों को चना और गेहूं की अच्छी पैदावार के लिए खेतों में जैविक प्रबंधन तकनीक, नमी संरक्षण में खाद की भूमिका एवं चारगाहों के विकास और स्थानीय स्तर पर उपलब्ध वनस्पतियों पर विस्तार पूर्वक जानकारी दी। कार्यक्रम में किसान मोहन राम, दामोदर , हीरा लाल , बुधा राम इत्यादि उपस्थित रहे।
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