सब्जी फसलों में कीट एवं रोग व्याधियों का प्रकोप
16 सितम्बर 2024, भोपाल: सब्जी फसलों में कीट एवं रोग व्याधियों का प्रकोप – विगत दिवस ग्राम महाराजपुरा, हरपुरा, चरपुवाँ एवं पहाड़ी तिलवारन के कृषकों के प्रक्षेत्रों पर भ्रमण किया गया। भ्रमण के दौरान देखा गया कि कृषक भाईयों ने सब्जी फसलें जैसे – टमाटर, मिर्च, भिंडी, प्याज, बैंगन, अदरक, अरबी एवं अन्य वर्षा कालीन फसलें लगायी गयी हैं और कुछ सब्जी फसलें रोग एवं कीट व्याधियों से प्रभावित हो रही हैं। वैज्ञानिक द्वारा बताया गया कि मिर्च, टमाटर और भिंडी में पत्ती खाने वाली इल्लियों एवं रस चूसक कीटों का प्रकोप अत्यधिक है, इसके नियंत्रण हेतु बीटासाइफ़्लुथ्रिन एवं इमिडाक्लोप्रिड समिश्रण की दवा 15 मिली./ली. की दर से प्रभावित फसलों पर छिड़काव करें। अरबी के पत्तों पर भूरापन लिए हुए काले रंग के धब्बे जिसे फाइटोप्थोरा ब्लाइट कहा जाता है, इसी प्रकार से अदरक में मृदु विगलन रोग का प्रकोप देखा गया इसमें रोग ग्रसित पौधों की पत्तियाँ किनारे से पीले पड़ कर सूख जाती हैं, इनके नियंत्रण हेतु मैन्कोज़ेब + मेटालैक्सिल (रिडोमिल) का छिड़काव 2 ग्रा./ली. की दर से करें। भ्रमण के दौरान प्राय: देखा गया कि कुछ कृषक भाई प्याज की फसल लगाये हुए हैं, जो खरपतवार से प्रभावित हो रही हैं। खरीफ मौसम में सब्जी फसल के अतिरिक्त किसी भी फसल में खरपतवारों की बहुलता पायी जाती है। जिले के कृषक भाई प्याज की फसल में खरपतवार नियंत्रण हेतु क्विज़ालोफ़ॉप 1.5 मिली./ली. एवं ऑक्सीफ़्लोरफ़ेन 2 मिली./ली. समिश्रण की दर से 35-40 दिनों में छिड़काव करें, जिससे खरपतवार नियंत्रित किया जा सके।
(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़, टेलीग्राम, व्हाट्सएप्प)
(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)
कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:
www.krishakjagat.org/kj_epaper/
कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: