भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान द्वारा किसानों के लिए सलाह जारी की
26 नवंबर 2024, नई दिल्ली: भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान द्वारा किसानों के लिए सलाह जारी की – भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, क्षेत्रीय गेहूं अनुसंधान केंद्र, इंदौर द्वारा किसानों के लिए समसामयिक सलाह जारी की है।
धान की देर से कटाई और तापमान में उतार-चढ़ाव के बावजूद, इस वर्ष नवंबर के प्रथम सप्ताह तक पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 93% बुआई पूरी हो चुकी है। कही कही गेहूं की फसल 10 से 15 दिन की होने को है। सलाह में बुवाई, बीज दर, सिंचाई, उर्वरक के अलावा खरपतवार नियंत्रण की जानकारी दी गई है। अनुसंधान केंद्र ने बताया की, जिन क्षेत्रों में अभी तक गेहूं की बुवाई नहीं हुई है। क्षेत्र के लिए अनुशंसित प्रजातियों का ही इस्तेमाल करें। प्रजाति का चुनाव अपने संसाधनों यानि उपलब्ध सिंचाई की मात्रा तथा आवश्यकताओं के अनुरूप करें। क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र, इंदौर ने सलाह देते हुए बताया की, खड़ी फसल में डोरे (व्हील हो) या मजदूरों द्वारा खरपतवारों की सफाई करायें। रोग व नीदा नियंत्रण के लिये जीवनाशक रसायनों का उपयोग वैज्ञानिक संस्तुति के आधार पर ही करें। चौड़ी पती वाले खरपतवारों के लिये 2-4 डी 650 ग्राम सक्रिय तत्व / हे., अथवा मेटसल्फयूरॉन मिथाइल 4 ग्राम सक्रिय तत्व/हे, 600 लीटर पानी में मिलाकर 30-35 दिन की फसल होने पर छिड़कें। संकरी पत्ती वाले खरपतवारों के लिये क्लॉडीनेफॉप प्रोपरजिल 60 ग्राम सक्रिय तत्व / हे, 600 लीटर पानी में मिलाकर 30-35 दिन की फसल होने पर छिड़कें। इसके अलावा खरपतवारों के नियंत्रण के लिए पायरोक्सासल्फोन 85@60 ग्राम/एकड़ या क्लोडिनाफॉप 60 ग्राम या फिनोक्साप्रोप 100 ग्राम या सल्फोसल्फ्यूरॉन 25 या पिनोक्साडेन 50 ग्राम/हेक्टेयर का उपयोग किया जा सकता है। इन्हें बुआई के 30-35 दिन बाद मिट्टी में पर्याप्त नमी होने पर लगाया जा सकता है। मौसम साफ (न वर्षा, न कोहरा ओस आदि) होने पर किसानों को फसल पर छिड़काव (स्प्रे) करना चाहिए।
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