मध्यप्रदेश में फूलों की खेती का बढ़ता दायरा: 4 साल में उत्पादन में 58 हजार टन की वृद्धि
23 नवंबर 2024, भोपाल: मध्यप्रदेश में फूलों की खेती का बढ़ता दायरा: 4 साल में उत्पादन में 58 हजार टन की वृद्धि – मध्यप्रदेश के किसान अब फूलों की खेती से आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ा रहे हैं। राज्य के उद्यानिकी एवं खाद्य प्र-संस्करण मंत्री, श्री नारायण सिंह कुशवाह ने जानकारी दी कि बीते चार वर्षों में फूलों के उत्पादन क्षेत्र में 5 हजार हेक्टेयर का विस्तार हुआ है। इससे प्रदेश में 4 लाख 71 हजार मीट्रिक टन फूलों का उत्पादन हुआ, जो कि एक रिकॉर्ड है।
छोटे किसानों के लिए फायदे का सौदा
मंत्री कुशवाह ने बताया कि फूलों की खेती कम समय में तैयार होने वाली नकदी फसल (कैश क्रॉप) है, जिससे किसानों को तुरंत भुगतान प्राप्त होता है। छोटे और सीमांत किसान, जिनके पास आधा या एक हेक्टेयर भूमि है, वे भी इस खेती से अच्छी आय अर्जित कर सकते हैं। मध्यप्रदेश के फूलों की नई दिल्ली, मुंबई, नागपुर, अहमदाबाद और जयपुर जैसे बड़े शहरों में बड़ी मांग है।
प्रदेश में फूल उत्पादकों को प्रोत्साहन देने के लिए उद्यानिकी विभाग सक्रिय है। किसानों को उन्नत किस्म के बीज और पौधे रियायती दरों पर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इसके साथ ही, 100 दिवसीय कार्ययोजना के तहत 20,000 किसानों और युवाओं को आधुनिक तकनीकों में प्रशिक्षण दिया गया है।
हाई-टेक नर्सरी का विकास
राज्य सरकार ने नर्सरियों को हाई-टेक बनाने की दिशा में भी कदम उठाए हैं। ई-नर्सरी पोर्टल के जरिए किसानों को गुणवत्ता वाले पौधे आसानी से उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इसके अलावा, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत ग्वालियर में 13 करोड़ रुपये की लागत से पहली हाई-टेक फ्लोरीकल्चर नर्सरी विकसित की जा रही है। यह नर्सरी फूलों की खेती में नवीनतम तकनीकों का प्रयोग किया जाएगा।
उत्पादन में बड़ी छलांग
उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2021-22 में राज्य में 35,720 हेक्टेयर भूमि पर फूलों की खेती हुई, जिससे 4,12,730 मीट्रिक टन उत्पादन हुआ। वहीं, 2023-24 में यह आंकड़ा 41,049 हेक्टेयर और 4,71,584 मीट्रिक टन तक पहुंच गया। कुल मिलाकर, चार सालों में 58,854 मीट्रिक टन उत्पादन की वृद्धि दर्ज की गई।
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