राज्य कृषि समाचार (State News)फसल की खेती (Crop Cultivation)

ढैंचे की हरी खाद से मृदा की उर्वरा शक्ति बढ़ाएं

22 जून 2024, अजमेर: ढैंचे की हरी खाद से मृदा की उर्वरा शक्ति बढ़ाएं – तबीजी फार्म, अजमेर स्थित गृह परीक्षण केन्द्र के उप निदेशक कृषि (शस्य) श्री मनोज कुमार शर्मा ने बताया कि हरे दलहनी पौधों को बिना सड़े-गले मृदा में दबाकर नत्रजन या जीवांश की मात्रा बढ़ाने की प्रक्रिया को हरी खाद देना कहा जाता है।

कृषि अनुसंधान अधिकारी (शस्य) श्री राम करण जाट ने बताया कि हरी खाद के लिए उपयुक्त फसली पौधे तेजी से बढ़ने वाले और मुलायम होने चाहिए। हरी खाद फसल की जड़ें गहरी होनी चाहिए ताकि मिट्टी को भुरभुरी बना सकें और नीचे की मिट्टी के पोषक तत्व ऊपरी सतह पर ला सकें। इसके अलावा, हरी खाद फसल की जड़ों में अधिक ग्रंथियां होनी चाहिए ताकि वायुमंडलीय नाइट्रोजन का स्थिरीकरण अधिक मात्रा में हो सके। हरी खाद के लिए ढैंचा सबसे उत्तम फसल मानी जाती है। इसकी बुवाई 60 किलो प्रति हैक्टेयर की दर से अप्रैल से जुलाई के बीच की जाती है।

Advertisement
Advertisement

श्री जाट ने बताया कि ढैंचा की बुवाई सिंचित अवस्था में मानसून आने से 15-20 दिन पूर्व या असिंचित अवस्था में मानसून के तुरंत बाद खेत तैयार कर करनी चाहिए। हरी खाद की फसल से अधिकतम कार्बनिक पदार्थ प्राप्त करने के लिए पौधों की अच्छी बढ़वार होने पर नरम अवस्था में, 50 प्रतिशत फूल आने पर, अर्थात बुवाई के 30-45 दिन बाद, डिस्क हैरो द्वारा पलटकर पाटा चला देना चाहिए।

इस प्रकार, ढैंचे की हरी खाद का उपयोग करके किसान मृदा की उर्वरा शक्ति को बढ़ा सकते हैं और अपने खेतों की पैदावार को बढ़ा सकते हैं।

Advertisement8
Advertisement

(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्रामव्हाट्सएप्प)

कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

Advertisement8
Advertisement

www.krishakjagat.org/kj_epaper/

कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.en.krishakjagat.org

Advertisements
Advertisement5
Advertisement