राज्य कृषि समाचार (State News)

हर किसान के लिए जरूरी: लघु सिंचाई गणना रिपोर्ट जारी, सामने आई लघु सिंचाई योजनाओं की सच्चाई

06 अगस्त 2024, नई दिल्ली: हर किसान के लिए जरूरी: लघु सिंचाई गणना रिपोर्ट जारी, सामने आई लघु सिंचाई योजनाओं की सच्चाई – जल शक्ति मंत्रालय ने लघु सिंचाई (एमआई) गणना रिपोर्ट जारी की है, जिसका मुख्य उद्देश्य लघु सिंचाई क्षेत्र में एक व्यापक और विश्वसनीय डेटाबेस बनाना है ताकि प्रभावी योजना और नीति निर्धारण हो सके। इस गणना में 2,000 हेक्टेयर तक के कृषि योग्य कमांड क्षेत्र (सीसीए) वाली सभी भूजल और सतही जल योजनाओं को शामिल किया गया है।

गणना की विस्तृत जानकारी

इस गणना में सिंचाई स्रोतों (खुदे हुए कुएं, उथले ट्यूबवेल, मध्यम ट्यूबवेल, गहरे ट्यूबवेल, सतही प्रवाह और सतही लिफ्ट योजनाएं), सिंचाई क्षमता (आईपीसी), उपयोग की जाने वाली क्षमता, स्वामित्व, होल्डिंग जैसे विभिन्न मानकों पर विस्तृत जानकारी एकत्र की गई है। इसके अंतर्गत भूमि के आकार, पानी उठाने के लिए उपयोग किए जाने वाले उपकरण, ऊर्जा के स्रोत, और जल वितरण की विधियों का भी विवरण शामिल है।

6वीं लघु सिंचाई गणना पूरी हो चुकी है और 2023 में अखिल भारतीय एवं राज्य-वार रिपोर्ट प्रकाशित की गई हैं। इस गणना में 231.4 लाख एमआई योजनाओं की गणना की गई, जिनमें से 219.3 लाख (94.8 प्रतिशत) भूजल योजनाएं थीं, और 12.1 लाख (5.2 प्रतिशत) सतही जल योजनाएं थीं। छठी लघु सिंचाई (एमआई) गणना रिपोर्ट से उपलब्ध एमआई योजनाओं की संख्या के अखिल भारतीय आंकड़े नीचे दिए गए हैं:

भूजल योजनाएंसतही जल योजनाएंकुल योग 
खुदे हुए  कुएंउथले ट्यूबवेलमध्यम ट्यूबवेलगहरे ट्यूबवेलकुलसतही प्रवाहसतही लिफ्टकुल
योजनायोजना
  
827842555851064318146375024721931924611059595981120704023138964

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई)

भारत सरकार ने वित्तीय वर्ष 2015-16 में ‘प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई)’ शुरू की, जिसका उद्देश्य खेत में पानी की वास्तविक पहुंच बढ़ाना, कृषि जल उपयोग दक्षता में सुधार करना, और सुनिश्चित सिंचाई के तहत खेती योग्य क्षेत्र का विस्तार करना है। हर खेत को पानी (एचकेकेपी) पीएमकेएसवाई के घटकों में से एक है। सतही लघु सिंचाई (एसएमआई) और जल निकायों की मरम्मत, नवीनीकरण और पुनरुद्धार  की योजना अब पीएमकेएसवाई-एचकेकेपी का हिस्सा बन गई है। जल शक्ति मंत्रालय के अंतर्गत जलशक्ति विभाग (डीओडब्ल्यूआर), आरडी एंड जीआर, पीएमकेएसवाई-एचकेकेपी के घटक जल स्रोतों संबंधी योजनाओं के सतही लघु सिंचाई और मरम्मत, नवीनीकरण और पुनरुद्धार) के अंतर्गत सिंचाई क्षमता के निर्माण और पुनरुद्धार के लिए राज्यों को केंद्रीय सहायता प्रदान करता है।

वित्तीय वर्ष 2021-22 से 2025-26 के लिए पीएमकेएसवाई-एचकेकेपी को जारी रखने के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दिसंबर, 2021 में 4580 करोड़ रुपये के बजट परिव्यय और 4.50 लाख हेक्टेयर की लक्षित सिंचाई क्षमता के साथ मंजूरी दे दी है।

केंद्रीय सहायता और अनुदान

दोनों योजनाओं (डब्ल्यूबी के एसएमआई और आरआरआर) के तहत केंद्रीय सहायता अनुदान के रूप में प्रदान की जाती है। यह सहायता विधायिका वाले केंद्र-शासित प्रदेशों के लिए परियोजना लागत का शत-प्रतिशत है। विधायिका वाले केंद्र-शासित प्रदेशों और 7 उत्तर-पूर्वी राज्यों तथा सिक्किम और पहाड़ी राज्यों (हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड) के लिए केंद्रीय सहायता परियोजना लागत का 90 प्रतिशत है।, जबकि अन्य राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों के लिए परियोजना लागत का 60 प्रतिशत है।

पीएमकेएसवाई-एचकेकेपी के जल स्त्रोतों संबंधी घटक के एसएमआई और आरआरआर के अंतर्गत केन्द्रीय सहायता जारी करने का राज्य-वार और वर्ष-वार विवरण नीचे दिया गया है:

क्रम संराज्य2019-202020-212021-222022-232023-24
1अरुणाचल प्रदेश17.49104.69142.7341.95138.7
2असम414.06205.62275.271.5452.09
3बिहार27.9610.658.6211.767.78
4गुजरात   3.162.57
5हिमाचल प्रदेश147.9158.80 .60.3140.5142.3
6जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख68.5897.59   
7कर्नाटक   3037.5
8मणिपुर24.2669.2675.982623.55
9मेघालय22.2257.07100.47 46 .5274,21
10मिजोरम11.347.654.66 0.81
11नगालैंड20.4635.9940.8921.0192.71
12ओडिशा 34.54 1156.25
13राजस्थान11.96  9.310.46
14सिक्किम9.139.339.7112.8829.25
15तमिलनाडु16.751.2517.4327.749.6
16त्रिपुरा9    
17उत्तराखंड31.78 29.6317.293.4
 कुल योग832.9693.44765.63371.08811.19

(करोड़ रुपये में )

यह जानकारी केंद्रीय जल शक्ति राज्य मंत्री श्री राज भूषण चौधरी ने आज राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

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