दलहनी फसलों का आयात तत्काल बंद किया जाए
28 जनवरी 2025, इंदौर: दलहनी फसलों का आयात तत्काल बंद किया जाए – कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (केन्द्रीय कृषि विकास एवं किसान कल्याण मंत्रालय) द्वारा देश में उत्पादित दलहन और तिलहन फसलों की विपणन सत्र 2025-26 के लिए मूल्य नीति पर चर्चा एवं विचार विमर्श के लिए एक बैठक चेयरमेन श्री विजय शर्मा की अध्यक्षता में कृषि भवन, नई दिल्ली में सम्पन्न हुई ।
उक्त जानकारी देते हुए ऑल इंडिया दाल मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री सुरेश अग्रवाल ने अपनी प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि बैठक में दलहन और तिलहन के विपणन सत्र 2025-26 के लिए मूल्य नीति पर गंभीरतापूर्वक चर्चा एवं विचार विमर्श किया गया। ऑल इंडिया दाल मिल एसोसिएशन की ओर से सरकार को यह सुझाव दिया कि केंद्र सरकार द्वारा भारत में मटर का आयात भारी मात्रा मे किया जा रहा है, अभी तक लगभग 28 लाख मीट्रिक टन मटर भारत में आ चुका है। मटर के निरंतर आयात से देश के किसानों को उनकी कृषि उपज का लागत मूल्य भी नहीं मिल पा रहा है, इससे किसानों को अत्यधिक नुकसान हो रहा है, साथ ही तुअर,उड़द, मसूर, चना का आयात भी निरंतर हो रहा है, अधिक आयात के कारण देश में चना,तुअर, उड़द और मटर की कीमतों में भी काफी कमी आई है, अतः मटर के साथ ही चना,तुअर, उड़द, मसूर का आयात तत्काल प्रभाव से बंद करने की ज़रूरत है। किसानों को उनकी कृषि उपज का मूल्य समर्थन मूल्य से भी अधिक मिलना चाहिए, तभी उनकी उन्नति संभव हो सकेगी।
बैठक में ऑल इंडिया दाल मिल एसोसिएशन सहित भारत के विभिन्न व्यापारिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया, जिसमे प्रमुख रूप से इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ ऑइल सीड रिसर्च, हैदराबाद के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. एसवी रमन राव, सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के कार्यकारी निदेशक श्री डीएन पाठक, इंडियन वेजीटेबल ऑइल प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री अमरेन्द्र मिश्रा, गुजरात स्टेट एडिबल ऑइल्स एण्डऑइल सीड्स एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री समीर शाह, दी सेंट्रल ऑर्गेनाइजेशन फॉर ऑइल इंडस्ट्रीज़ एण्ड ट्रेड के चेयरमेन श्री सुरेश नागपाल, इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ पल्सेस रिसर्च कानपुर के संयोजक डॉ. आदित्य प्रताप, इंडियन पल्सेस एण्ड ग्रेन एसोसिएशन के प्रबंधकारिणी समिति सदस्य श्री सुमित गुप्ता सहित अनेक व्यापारियों ने अपने अपने विचार एवं सुझाव प्रस्तुत किए I
(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़, टेलीग्राम, व्हाट्सएप्प)
(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)
कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:
www.krishakjagat.org/kj_epaper/
कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: