राज्य कृषि समाचार (State News)

संकर बीज: कृषि में एक महत्वपूर्ण क्रांति

लेखक: आकाश जोशी, सेज यूनिवर्सिटी इंदौर

11 अप्रैल 2025, भोपाल: संकर बीज: कृषि में एक महत्वपूर्ण क्रांति – संकर बीज (Hybrid Seeds) कृषि क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उन्नति और विकास का प्रतीक हैं। इन बीजों को दो अलग-अलग पौधों की किस्मों के मिलाने से उत्पन्न किया जाता है, जिनका उद्देश्य उच्च गुणवत्ता वाली, रोग प्रतिरोधी और उच्च उपज देने वाली फसलें उत्पन्न करना है। संकर बीजों ने पारंपरिक बीजों की तुलना में खेती के तरीके में क्रांतिकारी बदलाव लाया है, जिससे किसानों को अधिक फसल, बेहतर गुणवत्ता, और कम मेहनत से अधिक लाभ मिल पा रहा है।

संकर बीज क्या है?

संकर बीज दो विभिन्न किस्मों के पौधों के मिलाने से उत्पन्न होते हैं। जब दो विशेष रूप से चयनित किस्मों को एक साथ मिलाकर नया बीज तैयार किया जाता है, तो यह संकर बीज कहलाता है। संकर बीज का उद्देश्य एक तरफ से इन बीजों के पौधों में अधिक उपज, रोग प्रतिरोधी क्षमता, और बेहतर गुणवत्ता विकसित करना होता है।

संकर बीजों की उत्पत्ति में विशेष प्रकार की कृषि तकनीकों का उपयोग किया जाता है। इन्हें वैज्ञानिक रूप से नियंत्रित वातावरण में तैयार किया जाता है, जिससे बेहतर परिणाम मिल सकें।

संकर बीज के लाभ

  1. उच्च उपज
    संकर बीज से उत्पादित फसलें अधिक उपज देने वाली होती हैं। पारंपरिक बीजों की तुलना में संकर बीज अधिक फसल उत्पन्न करते हैं। यह किसानों के लिए बड़ी राहत का कारण बनता है, क्योंकि उच्च उपज का मतलब होता है अधिक आय।
  2. रोग और कीट प्रतिरोधक क्षमता
    संकर बीजों में रोगों और कीटों के प्रति बेहतर प्रतिरोधक क्षमता होती है। इससे फसल की रक्षा होती है और कीटनाशकों का उपयोग भी कम हो जाता है, जिससे पर्यावरण पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
  3. जलवायु और पर्यावरण अनुकूलन
    संकर बीज विभिन्न जलवायु परिस्थितियों में बेहतर विकास करते हैं। चाहे गर्मी हो या सर्दी, सूखा हो या अधिक वर्षा, संकर बीजों के पौधे इन परिस्थितियों के प्रति अधिक सहनशील होते हैं और बेहतर परिणाम देते हैं।
  4. बेहतर फसल गुणवत्ता
    संकर बीजों से उत्पन्न होने वाली फसल की गुणवत्ता बहुत अधिक होती है। इसका आकार, रंग, स्वाद और पोषण स्तर पारंपरिक बीजों से बेहतर होता है, जिससे बाजार में इसकी मांग अधिक होती है।
  5. कम समय में अधिक उत्पादन
    संकर बीजों से उत्पादित पौधे जल्दी बढ़ते हैं और जल्दी पकते हैं। इससे किसानों को कम समय में अधिक उत्पादन मिल सकता है, और वे एक ही मौसम में अधिक फसल उगा सकते हैं।
  6. समान उत्पाद
    संकर बीजों से उत्पन्न होने वाली फसल समान गुणवत्ता और आकार की होती है। पारंपरिक बीजों के मुकाबले, इन फसलों में अधिक स्थिरता होती है और हर पौधा समान रूप से अच्छा उत्पादन देता है।

संकर बीज के नुकसान

हालांकि संकर बीजों के कई फायदे हैं, लेकिन इनके कुछ नुकसान भी हैं:

  1. अधिक कीमत
    संकर बीज की कीमत पारंपरिक बीजों से अधिक होती है। यह किसानों के लिए एक अतिरिक्त खर्च हो सकता है। हालांकि, अधिक उपज और गुणवत्ता के कारण यह खर्च बाद में लाभ में बदल सकता है।
  2. बीज पुनः उत्पन्न नहीं होते
    संकर बीज से उत्पन्न होने वाले पौधों का बीज अगले वर्ष बोने के लिए उपयुक्त नहीं होता। इसका मतलब है कि किसानों को हर साल नए संकर बीज खरीदने पड़ते हैं, जिससे दीर्घकालिक खेती में लागत बढ़ सकती है।
  3. किस्मों में विविधता की कमी
    संकर बीजों से उत्पन्न फसलें विशेष किस्म के होते हैं, जिससे इनमें विविधता की कमी हो सकती है। यह पारंपरिक बीजों के मुकाबले कम विविधता प्रदान करते हैं, जो कि कुछ किसानों के लिए समस्या हो सकती है।
  4. प्राकृतिक बीजों के मुकाबले कम जैविकता
    संकर बीजों में जैविकता की कमी हो सकती है, क्योंकि इनका विकास नियंत्रित वातावरण में किया जाता है, जिससे इन बीजों में प्राकृतिक गुण कम हो सकते हैं।

संकर बीज का उपयोग

संकर बीज का उपयोग मुख्य रूप से खाद्य फसलों में किया जाता है, जैसे कि चावल, गेहूं, मक्का, तिल, दलहन, और फल एवं सब्जियाँ। इसके अलावा, संकर बीजों का उपयोग फूलों और पौधों की खेती में भी किया जाता है, ताकि बेहतर गुणवत्ता वाली और अधिक सुंदर पौधों का उत्पादन किया जा सके।

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