राज्य कृषि समाचार (State News)

किसानों की आय बढ़ाने के लिए हरियाणा की सरकार ने लिया ये महत्वपूर्ण फैसला

20 अगस्त 2025, भोपाल: किसानों की आय बढ़ाने के लिए हरियाणा की सरकार ने लिया ये महत्वपूर्ण फैसला – हरियाणा की सरकार ने अपने राज्य के किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए एक ओर महत्वपूर्ण फैसला लिया है और यह फैसला है शहद को  भी भावांतर भरपाई योजना में शामिल करने का। बता दें कि इसके पहले राज्य की सरकार ने बागवनी की फसलों को भावांतर भरपाई योजना में शामिल किया था। शहद को भावांतर भरपाई योजना में शामिल करने की घोषणा राज्य के सीएम नायब सिंह सैनी ने की है।

उन्होंने कहा कि केंद्र पर मधुमक्खी पालकों को भंडारण और गुणवत्ता जांच की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी। जल्द ही 20 करोड़ रुपये की लागत से गुणवत्ता नियंत्रण प्रयोगशाला स्थापित की जाएगी। इसके अलावा, रामनगर संस्थान को राष्ट्रीय स्तर का संस्थान बनाया जाएगा, जहां मधुमक्खी पालन से संबंधित उन्नत एवं वैज्ञानिक अनुसंधान किए जा सकेंगे। मुख्यमंत्री ने यह घोषणाएं  कुरुक्षेत्र में आयोजित मधुमक्खी पालन पर राज्य स्तरीय कार्यशाला में की। उन्होंने कहा कि मधुमक्खी पालन किसानों के लिए अतिरिक्त आमदनी का एक बड़ा साधन है और इससे फसलों की पैदावार भी बढ़ती है।  इसके अलावा रामनगर स्थित एकीकृत मधुमक्खी पालन विकास केंद्र में शहद की बिक्री की व्यवस्था की जाएगी ।

इजरायल के सहयोग से  पहला एकीकृत मधुमक्खी पालन विकास केंद्र स्थापित

मुख्यमंत्री ने कहा कि कुरुक्षेत्र के रामनगर में इजरायल के सहयोग से देश का पहला एकीकृत मधुमक्खी पालन विकास केंद्र स्थापित किया गया है, जहां किसानों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यहां शहद व्यापार केंद्र भी है, जिसके माध्यम से अब तक 74 हजार बक्से और 3 लाख 43 हजार कॉम्ब शीट दी जा चुकी हैं। इस केंद्र में शहद का प्रसंस्करण और बॉटलिंग की भी सुविधा है। प्रदेश सरकार ने ‘मधुमक्खी पालन नीति-2021’ बनाई है, जिसके तहत वर्ष 2030 तक 7750 मधुमक्खी पालक तैयार करने और 15,500 मीट्रिक टन शहद उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। मधुमक्खी के बक्सों, कॉलोनियों और उपकरणों पर 85 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जा रही है।


(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्रामव्हाट्सएप्प)

(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)

कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.krishakjagat.org/kj_epaper/

कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.global-agriculture.com

Advertisements