कपास के सघन रोपण से अच्छा उत्पादन
21 अगस्त 2024, पांढुरना: कपास के सघन रोपण से अच्छा उत्पादन – सौंसर विकासखण्ड के ग्राम महरांम में सघन रोषण प्रणाली (एबडीपीएस) पद्धति से कपास को खेती में पौधों की बढ़वार नियंत्रण एवं कोट प्रबंधन विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का अयोजन किया गया। चयनित कृषकों को केन्द्रीय कपास अनुसंधान संस्थान नागपुर के वैज्ञानिक डॉ. रामाकृष्णा द्वारा एचडीपीएस पद्धति से ऋपास फसल उत्पादन पर जानकारों में बताया कि हल्की जमीन पर कतार में कतार २० सेमी एवं पौधे से पौधे की दूरी 15 सेमी के अंतराल पर कपास लगाना सबर रोपण प्रणाली (एचडीपीएस) पद्धति में आवश्यक है। वैज्ञानिकों ने कपास फसल प्रबंधन में बताया कि 45 दिन की अवस्था जिसमें कम से कम पौधे 1.5 से 2.0 फीट एवं पत्नी निर्माण अवस्था पर ग्रोथ रेगुलेटिंग हार्मोंस चमत्कार 12 मिलों प्रति 15 लीटर पानी की दर से घोल बनाकर एक एकड़ 10 टंकी दवा का छिड़काव करने की सलाह दी गई जिससे को पौधे को बढ़वार नियंत्रित करते हुये प्रति एकड़ क्षेत्रफल से अच्छा उत्पादन प्रास किया जा सके। सभी चयनित कृषकों को कपास अनुसंधान संस्थान नागपुर द्वारा उनत किस्म का बीज एवं पौधवर्धक सामग्री निःशुल्क दी गई थी। नागपुर से आये वैज्ञानिक डॉ. दीपक नागराले ने कपास फसल में रोग एवं कोट प्रबंधन, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं दीन जेड एआरएस डॉ आर. सी. शर्मा ने कपास फसल में पोषक तत्व प्रबंधन, डॉ. डी.सी. श्रीवास्तव कृषि विज्ञान केन्द्र ने कपास फसल नवाचार को बढ़ावा देने पर किसानों का मार्गदर्शन किया। उपसंचालक कृषि श्री जितेन्द्र कुमार सिंह द्वारा एनडीपीएस पद्धति से कपास की खेती हेतु जिले की भूमि एवं वातावरण को अनुकूल बताया। कार्यक्रम में एसडीओ कृषि श्री दीपक चौरसिया, एसएडीओ, एडीओ, बीटीएम, एटीएम आत्मा निजी संस्थान से सुश्री प्रतिक्षा मेहरा के अलावा सूजन के अधिकारी उपस्थित थे।
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