जीआई-टैग वाली पूर्वोत्तर भारत की खट्टे फल किस्में क्राफ्ट जिन उद्योग में बना रही पहचान
12 मार्च 2025, भोपाल: जीआई-टैग वाली पूर्वोत्तर भारत की खट्टे फल किस्में क्राफ्ट जिन उद्योग में बना रही पहचान – भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र, जो अपनी अनूठी कृषि उपज के लिए जाना जाता है, असम के काजी नेबू (Citrus limon) और मेघालय के खासी संतरे (Citrus reticulata) का घर है। इन फलों को भौगोलिक संकेत (GI) टैग मिलने से उनकी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजार में पहचान मजबूत हुई है। विशेष रूप से, चेरापूंजी ईस्टर्न क्राफ्ट जिन में इनका उपयोग बढ़ती लोकप्रियता को दर्शाता है।
काजी नेबू, जिसे आमतौर पर असम लेमन कहा जाता है, अपनी लंबी आकृति और तीखे स्वाद के लिए प्रसिद्ध है। इसे 2019 में जीआई टैग मिला और 2024 में इसे असम का राज्य फल घोषित किया गया। यह मान्यता लंदन और यूएई जैसे अंतरराष्ट्रीय बाजारों में इसके निर्यात का मार्ग प्रशस्त कर रही है। असमिया व्यंजनों में अहम भूमिका निभाने वाला यह नींबू अब चेरापूंजी ईस्टर्न क्राफ्ट जिन में अपनी खास महक और स्वाद के कारण शामिल किया जा रहा है।
वहीं, मेघालय का खासी संतरा, जिसे स्थानीय रूप से सोह न्यामत्रा कहा जाता है, मिठास और खट्टेपन के बेहतरीन संतुलन के लिए जाना जाता है। इसे 2014 में जीआई टैग मिला, जिससे इसकी मांग और निर्यात, विशेष रूप से मध्य पूर्व में, बढ़ गया। सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) के माध्यम से किसानों को वैश्विक बाजारों तक पहुंचने में मदद मिली है। इसके उच्च प्राकृतिक शर्करा (चीनी) स्तर के कारण, यह प्रसंस्कृत उत्पादों के लिए आदर्श है और अब क्राफ्ट जिन में भी इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे इसका वैश्विक आकर्षण और बढ़ा है।
चेरापूंजी ईस्टर्न क्राफ्ट जिन, जिसमें ये जीआई-टैग प्राप्त खट्टे फल शामिल हैं, ने स्पिरिट्स बिजनेस अवार्ड्स और सैन फ्रांसिस्को वर्ल्ड स्पिरिट्स अवार्ड्स जैसी अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त की है। स्थानीय कृषि उत्पादों और वैश्विक जिन बाजार के इस अनूठे संयोजन ने पूर्वोत्तर भारत की कृषि विरासत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है।
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