राज्य कृषि समाचार (State News)

मंदसौर में लहसुन की ’मौत’, खूब रोए किसान

20 फ़रवरी 2025, भोपाल: मंदसौर में लहसुन की ’मौत’, खूब रोए किसान – मध्यप्रदेश के मंदसौर शहर में लहसुन की ’मौत हो गई….! किसानों के साथ कांग्रेसी भी ’इस मौत’ पर खूब रोए। दरअसल बात यह थी कि लहसुन के भाव गिर गए है और इस कारण न केवल किसानों को खासा नुकसान हुआ है वहीं इसे लेकर मंदसौर शहर में कांग्रेस ने प्रदर्शन भी किया। इस प्रदर्शन के दौरान ही किसानों और कांग्रेसियों ने लहसुन की अर्थी निकाली और श्रद्धांजलि तक दे डाली। किसानों का कहना है कि ऊटी लहसुन के भाव लगातार गिर रहे है और इससे वे परेशान हो गए हैै।

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कांग्रेस नेताओं ने लहसुन का भाव गिरने के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। मल्हारगढ़ ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष अनिल शर्मा ने कहा कि, किसानों को बीजेपी सरकार में लहसुन समेत दूसरी फसलों के वाजिब दाम नहीं मिल पा रहे हैं। अनिल शर्मा का आरोप है कि, सरकार की मिलीभगत से ही चीन का लहसुन अफगानिस्तान के रास्ते भारत आ रहा है। इस वजह से यहां के किसानों अपने यहां के लहसुन का वाजिब दाम नहीं मिल पा रहा है। मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के संयुक्त सचिव मुकेश निडर ने कहा की, बीजेपी सरकार की गलत आयात निर्यात नीतियों के कारण आज लहसुन समेत दूसरी फसलों का लागत मूल्य भी किसानों को नही मिल पा रहा है। बता दें कि मल्हारगढ़ में इस बार कई किसानों ने ऊटी और देसी लहसुन की बुवाई की। किसान प्रहलाद पाटीदार के मुताबिक उन्होंने 14 क्विंटल ऊटी लहसुन, 50 हजार रुपये क्विंटल में बीज लाकर सात बीघा में बुवाई की थी। उनको बीज का खर्च 7 लाख रुपये और जुताई-बुवाई का खर्च के साथ रखरखाव का खर्च 3.5 लाख रुपये तक आया। इस तरह कुल खर्च 10.5 लाख रुपये तक आया। इस बार लहसुन महज 4-6 हजार रुपये प्रति क्विंटल तक ही बिक रहा है। जिसकी वजह से बड़ा नुकसान हो रहा है। किसान के मुताबिक उसने कर्ज लेकर बुवाई की थी, और अब इतनी लागत भी नहीं निकल पा रही है कि, वो अपना कर्ज चुका पाए। वाजिब दाम नहीं मिल पाने से किसान परेशान है। किसानों का कहना है कि जो लहसुन पिछले साल 50 हजार रुपये प्रति क्विंटल तक बिका, वो इस बार सिर्फ 5 हजार रुपये प्रति क्विंटल तक बिक रहा है।

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