एफपीओ निदेशकों ने सीखी सतत कृषि व्यवसाय की बारीकियां
15 जिलों के 60 एफपीओ निदेशकों व कृषि उद्यमियों ने भाग लिया
18 सितम्बर 2025, देवरिया: एफपीओ निदेशकों ने सीखी सतत कृषि व्यवसाय की बारीकियां – पूर्वांचल के किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को कृषि व्यवसाय में विकास और सततता लाने के उद्देश्य से मंगलवार को बरपार स्थित जागृति उद्यम केंद्र–पूर्वांचल के बरगद सभागार में दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें देवरिया, कुशीनगर, गोरखपुर, मऊ, महराजगंज, बलिया समेत प्रदेश के 15 जिलों से आए 60 एफपीओ निदेशकों और कृषि उद्यमियों ने हिस्सा लिया। प्रशिक्षण का मुख्य केंद्र बिंदु टीब एग्री फूड नामक एक विशेष रूपरेखा थी।
जागृति के इन्क्यूबेशन डायरेक्टर विश्वास पांडेय ने कहा कि यह प्रशिक्षण संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) और सेंटर फॉर रिस्पॉन्सिबल बिज़नेस (सीआरबी) की ओर से आयोजित किया गया है, जिसका उद्देश्य एफपीओ निदेशकों को यह समझाना है कि उनका व्यवसाय न केवल आर्थिक, बल्कि प्राकृतिक, मानव और सामाजिक पूंजी पर भी कैसे निर्भर होकर प्रभावित करता है।
प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागियों ने एक विशेष अभ्यास-पुस्तिका का उपयोग किया, जिसके माध्यम से उन्होंने अपने व्यवसाय की पूरी मूल्य श्रृंखला का आकलन करना सीखा। इसमें इनपुट आपूर्ति से लेकर उत्पादन, कटाई, प्रसंस्करण और मार्केटिंग तक के हर चरण पर पड़ने वाले प्रभावों का मूल्यांकन करना शामिल था। सीआरबी के असिस्टेंट डायरेक्टर संजीब साहू, सीनियर प्रोग्राम ऑफिसर नित्या छिब्बर, यंग प्रोफेशनल्स दौनीत कौर, यूएनईपी की प्रोजेक्ट ऑफिसर शिवानी आदि प्रशिक्षकों ने व्यवसाय में लाभ का आकलन करते समय पर्यावरण और समाज के मूल्य को समझने पर जोर दिया।
पैनल चर्चा में कृषि व्यवसाय की चुनौतियों और उनके समाधान पर गहन विमर्श हुआ। इसमें जागृति के इन्क्यूबेशन डायरेक्टर विश्वास पांडेय, यूएनईपी की सीनियर पॉलिसी एडवाइजर अलका भार्गव, आईसीएआर-आईआईएफएसआर के सीनियर वैज्ञानिक मेराज अंसारी, सीआरबी के सीईओ रिजित सेन गुप्ता और जागृति के रिसर्च मैनेजर सुजय जैसे विशेषज्ञ शामिल रहे।
उद्यम कोर मनोज वर्मा ने कहा कि इस तरह के प्रशिक्षण का उद्देश्य एफपीओ को अपने जोखिमों की पहचान करने और उन्हें नियंत्रित करने में मदद करना है, ताकि वे न केवल अपनी उत्पादकता और आय बढ़ा सकें, बल्कि टिकाऊ और प्रभावी तरीके से अपने व्यवसाय का विस्तार कर सकें। यह पहल ग्रामीण कृषि उद्यमों व संगठनों को आधुनिक बना सकें। इस दौरान जागृति टीम के आनंद सिंह, राजीव राय, अजय कुमार आदि मौजूद रहे।
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