धान परती प्रबंधन अंतर्गत धान की सीधी बुआई उत्पादन प्रणाली पर किसानों का प्रक्षेत्र भ्रमण
26 सितम्बर 2025, भोपाल: धान परती प्रबंधन अंतर्गत धान की सीधी बुआई उत्पादन प्रणाली पर किसानों का प्रक्षेत्र भ्रमण – गया ज़िले के टेकारी प्रखंड अंतर्गत गुलेरियाचक स्थित परियोजना स्थल पर लगभग 50 किसानों ने गयाजी जिले के टनकुप्पा प्रखंड के अंतर्गत गजाधरपुर से पहुँचकर धान परती प्रबंधन कार्यक्रम के अंतर्गत धान की सीधी बुआई उत्पादन प्रणाली की सफलताओं का अवलोकन किया।
किसानों ने इसके उपरांत भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना के सबजपुरा प्रक्षेत्र का भ्रमण किया, जहाँ उन्होंने दीर्घकालीन प्रयोगों के अंतर्गत चल रहे विभिन्न धान की सीधी बुआई उत्पादन परीक्षणों को देखा। इसके साथ ही उन्होंने संस्थान के मुख्य परिसर का भ्रमण कर वैज्ञानिकों से संवाद किया तथा विभिन्न शोध परीक्षणों, समेकित कृषि प्रणालीमॉडल, पोषण वाटिका एवं अन्य प्रगतिशील गतिविधियों का अवलोकन किया।
इस प्रक्षेत्र भ्रमण से किसान बहुत प्रेरितहु ए और उन्होंने आगामी दिनों में इन नवाचारी तकनीकों को अपने खेतों में अपनाने की गहरी रुचि व्यक्त की। धान परती प्रबंधन के अंतर्गत धान की सीधी बुआई उत्पादन प्रणाली पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम सभी संबंधित विशेषज्ञों की सक्रिय भागीदारी एवं सहयोग से सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ।
इस अवसर पर संस्थान के निदेशक डॉ. अनुप दास ने कहा कि – “धान परती प्रबंधन के अंतर्गत धान की सीधी बुआई एक महत्वपूर्ण हस्तक्षेप है, जो धान आधारित प्रणालियों के सतत् गहनीकरण हेतु अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगा। किसानों की गहरी रुचि उत्साहजनक है और यह उत्पादकता, संसाधन-उपयोग दक्षता तथा पूर्वी भारत के कृषक समुदायों की आय बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।”
वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. राकेश कुमार ने जानकारी दी कि गयाजी ज़िले के टनकुप्पा प्रखंड अंतर्गत गजाधरपुर गाँव को धान के खाली पड़े खेतों में हरियाली लाने के लिए धान की सीधी बुआई के साथ तिलहन और दलहन की खेती के माध्यम से हरितिकरण हेतु चयनित किया गया है।
कार्यक्रम का सफल आयोजन डॉ. प्रेम कुमार सुंदरम, डॉ. अभिषेक कुमार, डॉ. पवन जीत, डॉ. वेद प्रकाश, श्री देवेंद्र मंडल, डॉ. एस. पूनिया, श्री पी.के . सिंह, श्री ए. एस. महापात्र, श्री श्रवण कुमार साहनी, श्री के.एम. मारिंग, श्री रविन्द्र कुमार यादव एवं श्री ओम प्रकाश कुमार के समर्पित प्रयासों से संभव हो सका, जिनके योगदान से कार्यक्रम का सुचारु एवं प्रभावी संचालन सुनिश्चित हुआ। उक्त कार्यक्रम का आयोजन अनुसूचित जाति उप योजना के तहत किया था
आपने उपरोक्त समाचार कृषक जगत वेबसाइट पर पढ़ा: हमसे जुड़ें
> नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़, व्हाट्सएप्प
> कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें
> कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: E-Paper
> कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: Global Agriculture