उर्वरक को ज़्यादा कीमत पर बेचा, दो फर्मों पर एफआईआर दर्ज़
26 जुलाई 2022, इंदौर । उर्वरक को ज़्यादा कीमत पर बेचा, दो फर्मों पर एफआईआर दर्ज़ – लालच बुरी बला है, यह कहावत तो सुनी थी, लेकिन धार जिले में इसे चरितार्थ होते हुए भी देख लिया। दरअसल कुक्षी तहसील के दो उर्वरक विक्रेताओं ने लालच में आकर दो किसानों को यूरिया उर्वरक, निर्धारित कीमत से अधिक में बेचकर ज़्यादा मुनाफा कमा तो लिया, लेकिन इसका नतीज़ा बहुत जल्दी मिला, जब संबंधित किसानों द्वारा की गई शिकायत पर कृषि विभाग ने दोनों फर्मों के संचालकों के खिलाफ न केवल एफआईआर दर्ज़ कराई , बल्कि उनके उर्वरक पंजीयन प्रमाण पत्र भी तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिए गए।
कुक्षी में उर्वरक विक्रेता फर्म मेसर्स एग्रो ऑल एजेंसी के संचालक दिनेश देवजी ने रामपुरा के किसान श्री नहारसिंह पिता जवरसिंह को 3 बोरी यूरिया को 450 रुपए प्रति बोरी की दर से 1350 रुपए में बेचा, जबकि शासन द्वारा यूरिया की निर्धारित कीमत 266.50 रुपए है। दुकानदार ने किसान से 549 रु अधिक ले लिए। किसान श्री नहारसिंह ने इसकी शिकायत कृषि विभाग में कर दी। कृषि विभाग की गुण नियंत्रण टीम ने जब उक्त दुकान का निरीक्षण किया तो शिकायत को सही पाया। न तो दुकान पर उर्वरक की बिक्री दरें लिखीं थी और न ही नाहरसिंह को बिक्री बिल दिया गया। यहां तक कि दुकान से संबंधित दस्तावेज़ बिल बुक आदि भी व्यवस्थित नहीं पाए गए। इस पर टीम ने पंचनामा बनाया। ऐसा ही दूसरा मामला भी कुक्षी तहसील का ही है। मेसर्स निकुंज ट्रेडिंग कम्पनी कुक्षी के संचालक सुरेश चंद्र माहेश्वरी निवासी सुसारी ने किसान श्री राजू निगवाल निवासी बडग्यार को एक बोरी यूरिया 435 रुपए बेची, इस तरह उक्त दुकानदार ने किसान से एक बोरी यूरिया के 168 रु 50 पैसे अधिक लिए। जिसकी शिकायत श्री राजू निगवाल ने कृषि विभाग में कर दी ।
श्री जीएस मोहनिया ,उप संचालक कृषि ,धार ने कृषक जगत को बताया कि दोनों किसानों की शिकायत पर संबंधित फर्मों मेसर्स एग्रो ऑल एजेंसी के प्रोपाईटर दिनेश देवजी और मेसर्स निकुंज ट्रेडिंग कम्पनी कुक्षी के प्रोप्राइटर सुरेश चंद्र माहेश्वरी के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम 1956 की धारा 3 /7 और उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 की धाराओं के उल्लंघन पर थाना कुक्षी में एफआईआर दर्ज़ कराकर दोनों दुकानदारों के उर्वरक पंजीयन प्रमाण पत्र तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिए । उप संचालक कृषि ने जिले के किसानों से अनुरोध किया है कि उर्वरकों की खरीदी निर्धारित कीमत पर ही करें। दुकानदार द्वारा ज़्यादा कीमत लेने या बिल नहीं देने पर अपने विकासखंड के वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी को शिकायत करें।