AI और IOT से होगी खेती स्मार्ट: पटना में कृषि अनुसंधान परिसर और बी. आई. टी. मेसरा के बीच समझौता
07 अप्रैल 2025, नई दिल्ली: AI और IOT से होगी खेती स्मार्ट: पटना में कृषि अनुसंधान परिसर और बी. आई. टी. मेसरा के बीच समझौता – खेती अब सिर्फ हल-बैल की बात नहीं रही। बदलते दौर में तकनीक और कृषि का मेल ही अब खेती का भविष्य तय करेगा। इसी सोच के साथ भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना और बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (BIT) मेसरा, पटना कैंपस के बीच एक महत्वपूर्ण समझौता (MoU) हुआ है। इस साझेदारी का मकसद है—AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) और IOT (इंटरनेट ऑफ थिंग्स) जैसी आधुनिक तकनीकों के जरिए खेती को स्मार्ट बनाना।
इस समझौते पर हस्ताक्षर ICAR-पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना में हुए। कार्यक्रम में ICAR-आरसीईआर के निदेशक डॉ. अनुप दास और BIT मेसरा, पटना कैंपस के निदेशक डॉ. आनंद कुमार सिन्हा प्रमुख रूप से मौजूद रहे।
डॉ. अनुप दास ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आने वाला समय तकनीक और कृषि के आपसी जुड़ाव का है। उन्होंने बताया, “AI आधारित विश्लेषण, IOT से निगरानी और स्मार्ट स्वचालन जैसी तकनीकों से सटीक खेती संभव हो पाएगी। इससे न सिर्फ संसाधनों का बेहतर उपयोग होगा बल्कि जलवायु से जुड़ी चुनौतियों का भी समाधान मिलेगा।”
डॉ. आनंद कुमार सिन्हा ने इसे शैक्षणिक शोध और खेती के ज़मीनी इस्तेमाल के बीच की दूरी को कम करने वाला कदम बताया। उनके अनुसार, यह समझौता अंतःविषयक (interdisciplinary) अनुसंधान को बढ़ावा देगा और आने वाले समय में स्मार्ट खेती के नए रास्ते खोलेगा।
भूमि एवं जल प्रबंधन प्रभाग के प्रमुख, डॉ. आशुतोष उपाध्याय ने बताया कि AI, मशीन लर्निंग, डीप लर्निंग और IOT आधारित सिंचाई प्रणालियां खेती में जल का बेहतर प्रबंधन करने में सहायक होंगी। उनके अनुसार, इन तकनीकों की मदद से पानी की बर्बादी रुकेगी और फसल उत्पादन बेहतर होगा।
कार्यक्रम में दिखा तकनीक और विज्ञान का तालमेल
इस अवसर पर BIT मेसरा, पटना कैंपस के डॉ. एस. के. सिन्हा, डॉ. रत्नेश कुमार मिश्रा, डॉ. के. पी. तिवारी और ई. मनोज कुमार के साथ-साथ ICAR-आरसीईआर के वैज्ञानिक, विभागाध्यक्ष और शोधकर्ता भी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम की शुरुआत PME सेल प्रभारी डॉ. अभय कुमार के स्वागत भाषण से हुई और समापन भूमि एवं जल प्रबंधन प्रभाग की डॉ. आरती कुमारी के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।
इस आयोजन को सफल बनाने में प्रशासनिक अधिकारी श्री पुष्पनायक, वित्त एवं लेखा अधिकारी श्री रजत दास और कई वैज्ञानिकों का योगदान रहा जिनमें डॉ. बिकाश सरकार, डॉ. शिवानी, डॉ. अजय कुमार, डॉ. मणिभूषण, डॉ. पी.के. सुंदरम, डॉ. पवन जीत, डॉ. वेद प्रकाश और डॉ. आरती कुमारी शामिल हैं।
(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़, टेलीग्राम, व्हाट्सएप्प)
(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)
कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:
www.krishakjagat.org/kj_epaper/
कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: