राज्य कृषि समाचार (State News)

पराली नहीं जलाने हेतु किसानों को किया जागरूक

09 दिसंबर 2025, कटनी: पराली नहीं जलाने हेतु किसानों को किया जागरूक –  किसानों  को पराली जलाने से होने वाले नुकसान से अवगत कराने हेतु विकासखण्ड रीठी के ग्राम बिलहरी में कृषि अभियांत्रिकी विभाग द्वारा रथ भ्रमण के माध्‍यम से नरवाई प्रबंधन जागरूकता अभियान चलाया गया।इस दौरान कृषि अभियांत्रिकी विभाग के उपयंत्री श्री संदीप पीपडा, जनपद पंचायत रीठी के मुख्य कार्यपालन अधिकारी व कृषि विभाग के ग्रामीण विकास अधिकारी उपस्थित थे।

रथ भ्रमण के दौरान किसानों को जानकारी देते  हुए बताया गया कि नरवाई जलाने से खेतों की मिट्टी में जो उपयोगी मित्र कीट होते हैं, वह जल कर खत्म हो जाते हैं तथा मिट्टी की उपरी परत भी जल जाती है, इससे न केवल मिट्टी की उर्वरा शक्ति घटती है। बल्कि, तथा उत्पादन कम होता है। साथ ही पराली जलाने से वायु भी प्रदूषित होती है, जिससे पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है और कई प्रकार की गंभीर बीमारियां फैलती है।पराली जलाने पर है अर्थदंड का प्रावधान पराली जलाने पर शासन द्वारा जुर्माने के तौर पर अर्थदंड लगाया जाता है। इसके तहत 2 एकड़ से कम भूमि वाले किसान पर 2500 रुपये प्रति घटना, 2 एकड़ से अधिक और 5 एकड़ से कम भूमि वाले कृषकों पर 5 हजार रुपये प्रति घटना और 5 एकड़ से अधिक भूमि वाले कृषकों पर 15 हजार रुपये प्रति घटना अर्थदण्‍ड का प्रावधान है।

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नरवाई प्रबंधन यंत्र अनुदान पर उपलब्‍धनरवाई प्रबंधन के अंतर्गत कृषि यंत्र जैसे सुपर सीडर, हैप्पी सीडर, जीरो टिलेज सीड कम फर्टीलाईजर  सीड ड्रिल  आदि कृषि  यंत्रों  के उपयोग से नरवाई जलाने की आवश्‍यकता नहीं पड़ती जिससे पर्यावरण सुरक्षित रहता है।सुपर सीडर या हैप्पी सीडर कृषि यंत्र बोनी करने के साथ-साथ खेत में लगे नरवाई को भी काटकर मिट्टी में मिला देता है, जिससे नरवाई मिट्टी में मिलकर सड़ कर खाद बन जाती है। इससे मिट्टी की उर्वरा शक्ति  बढ़ती  है तथा उत्पादन भी अच्छा होता है। श्रम व लागत में भी कमी आती है। साथ ही पराली जलाने से लगने वाले अर्थदण्ड से भी बचा जा सकता है।नरवाई प्रबंधन के एक अन्य यंत्र बेलर का उपयोग कर नरवाई के बंडल बनाकर उसे बेच कर लाभ कमा सकते हैं। वहीं नरवाई प्रबंधन यंत्र स्ट्रा रीपर के उपयोग से भी नरवाई न जलाकर उससे भुसा बनाकर पशु आहार तैयार किया जा सकता है। शासन द्वारा इन सभी यंत्रों के क्रय करने पर अनुदान भी दिया जाता है।उपयंत्री श्री संदीप पीपडा ने सभी किसान भाइयों से नरवाई नहीं जलाने तथा मिट्टी की उर्वरा शक्ति को बचाते हुए पर्यावरण को प्रदूषण से मुक्त रखने की अपील की है।

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