उन्नत खेती करने के लिए कृषक सुपर सीडर यंत्र का उपयोग करें – संभागायुक्त
20 नवंबर 2024, नर्मदापुरम: उन्नत खेती करने के लिए कृषक सुपर सीडर यंत्र का उपयोग करें – संभागायुक्त – नर्मदापुरम संभागायुक्त श्री के जी तिवारी गुरुवार को सिवनी मालवा के ग्राम पिपलिया कला पहुंचे यहां उन्होंने प्रगतिशील कृषक श्री विकास रघुवंशी के खेत पर जाकर सुपर सीडर यंत्र का अवलोकन किया।
किसान विकास रघुवंशी ऐसे प्रगतिशील किसान है जिन्होंने एग्रीकल्चर विषय से पढ़ाई कर सबसे पहले अपने 30 एकड़ के खेत में सुपर सीडर यंत्र के माध्यम से खेती में नया प्रयोग किया। उन्होंने नरवाई काटने के लिए सुपर सीडर यंत्र का उपयोग किया। सुपर सीडर यंत्र के माध्यम से खेती के अधिकांश काम आसान हो जाते हैं। श्रम एवं समय की बचत होती है साथ ही जमीन की नरमाई भी बरकरार रहती है जो फसल वृद्धि एवं फसल को गुणवत्ता प्रदान करती है। संभागायुक्त ने प्रगतिशील किसान विकास रघुवंशी की प्रशंसा करते हुए कहा कि सभी कृषक विशेष तौर पर युवा शिक्षित कृषक सुपर सीडर यंत्र का उपयोग करें। सुपर सीडर यंत्र पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। सुपर सीडर यंत्र से श्रम एवं समय की बचत होती है क्योंकि सुपर सीडर यंत्र से एक दिन में ही खेत की नरवाई को काटकर छोटे टुकड़े करके मिट्टी में दबा दिया जाता है इससे खेत को पोषक तत्व मिलते हैं। इससे समय की भी बचत होती है। डीजल भी कम उपयोग होता है और इस दौरान जमीन को खेती को लाभ पहुंचाने वाले जीवाश्म एवं कीटाणु जमीन को नमी प्रदान करते हैं। बीड़ में सुधार होता है ईलिड मैं सुधार होता है। वातावरण भी अच्छा होता है। साथ ही डीएपी या फर्टिलाइजर का कम से कम उपयोग कर उन्नत फसल की प्राप्ति की जा सकती है। प्रदूषण में रोकथाम होती है। सुपर सीडर यंत्र कम्बाईन हार्वेस्टर से अधिक ऊंचाई पर फसल की कटाई उपरांत तत्काल बिना जुताई अगली फसल की बुआई करता है। फसल अवशिष्टों को जलाने की कुप्रथा इससे हतोत्साहित होती है एवं इससे पर्यावरण और संरक्षित कृषि को प्रोत्साहन मिलता है। सिंचाई जल में उल्लेखनीय बचत के साथ उत्पादन की मात्रा और गुणवत्ता में वृद्धि करता है। खरपतवारों के अंकुरण पर प्रभावी नियंत्रण करता है। फसल अवशेषों को मिट्टी में मिलाकर खाद्य बनाने में यह यंत्र उपयोगी है।
श्री रघुवंशी ने बताया कि उनके द्वारा सुपर सीडर यंत्र का उपयोग करने से उनकी धान की फसल की बंपर पैदावार हुई है। साथ ही धान की फसल उच्च क्वालिटी की भी है। संभागायुक्त ने कहा कि सभी कृषक सुपर सीडर यंत्र का उपयोग कर समय एवं श्रम की बचत करें एवं पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं। उक्त यंत्र की लागत 3 लाख रुपए है जिसमें से 1 लाख 5 हजार रुपए अनुदान मिलता है, तथा 50% की सब्सिडी भी दी जाती है। 1 लाख 35 हजार रुपए में यंत्र प्राप्त हो जाता है। कृषक श्री प्रमोद रघुवंशी एवं आसपास के ग्रामीणों ने संभागायुक्त को बताया कि जब प्रगतिशील किसान विकास रघुवंशी ने सुपर सिडर यंत्र खरीदा तो पहले सब ने उसका मजाक उड़ाया लेकिन जब उन लोगों ने देखा कि एक ही दिन में नरवाई का निदान किया जा सकता है तो इससे उन सब लोगों को प्रेरणा मिली। आज उनसे प्रेरणा लेते हुए गांव में दो से तीन और अन्य किसानों ने सुपर सीडर यंत्र क्रय किया है और उनका उपयोग कर रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि जब से सुपर सीडर यंत्र आई है तब से खेतों में नरवाई का बेहतर प्रबंध हो रहा है, खेती में सहूलियत हो गई है। मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ गई है क्योंकि इससे खेती को लाभ पहुंचाने वाले जीवाश्म मिट्टी में मिलकर मिट्टी को नरम रखते हैं। फसलों के लिए लाभदायक कीटाणु जीवाश्म सुरक्षित रहता है। ईलिट में सुधार हो रहा है। अब डीएपी एवं यूरिया तथा फर्टिलाइजर का बहुत ही कम मात्रा में खेतों में उपयोग किया जा रहा है। धान भी बेहतर क्वालिटी की हो रही है। खेत साफ करने के लिए जहां पहले तीन गुना श्रम, तीन गुना समय और तीन गुनी लागत आती थी वहीं अब एक दिन में कम से कम समय में कम लागत में और कम डीजल में खेत को समतल कर कार्य किया जा रहा है।
किसानों ने संभागायुक्त को ट्रांसफार्मर बंद होने की एवं विद्युत खंभा टेढ़ा होने की शिकायत की। संभागायुक्त ने सभी ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि जल्द ही पिपलिया कला के गांव की बिजली की समस्या का समाधान किया जाएगा। वे स्वयं बिजली कम्पनी के अधीक्षण यंत्री से बात करेंगे।संभागायुक्त ने बमुरिया में सिंचाई के लिए 6 दिन लगातार पानी देने के निर्देश भी दिए। भ्रमण के दौरान संयुक्त आयुक्त विकास श्री जी सी दोहर , जल संसाधन विभाग के अधीक्षण यंत्री श्री राजाराम मीना, जल संसाधन विभाग सिवनी मालवा राजश्री कटारे एवं कृषि विभाग के अधिकारीगण उपस्थित थे I
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