राज्य कृषि समाचार (State News)

बिहार: कृषि अनुसंधान परिसर पटना ने आयोजित किया प्रक्षेत्र दिवस, किसानों को मिली नई तकनीकों की जानकारी

12 सितम्बर 2024, पटना: बिहार: कृषि अनुसंधान परिसर पटना ने आयोजित किया प्रक्षेत्र दिवस, किसानों को मिली नई तकनीकों की जानकारी – भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना ने नौबतपुर प्रखंड के सिमरा, चिरौरा, बादीपुर और गोपालपुर गांवों के किसानों के लिए “कृषि मौसम सेवाएं” विषय पर एक दिवसीय प्रक्षेत्र दिवस का सफल आयोजन किया। इस कार्यक्रम में लगभग 30 किसानों ने भाग लिया, जहां उन्हें मौसम, फसल प्रबंधन, सब्जी उत्पादन, मृदा प्रबंधन और कीट एवं रोग नियंत्रण से संबंधित नई तकनीकों और वैज्ञानिक जानकारी प्रदान की गई।

इस आयोजन का नेतृत्व संस्थान के निदेशक डॉ. अनुप दास के मार्गदर्शन में किया गया, जबकि फसल अनुसंधान प्रभाग के अध्यक्ष डॉ. संजीव कुमार और वैज्ञानिक डॉ. मनीषा टम्टा के साथ-साथ प्रगतिशील किसान श्री कामाख्या नारायण शर्मा और श्री रितेश कुमार का सहयोग भी महत्वपूर्ण रहा।

कार्यक्रम के दौरान संस्थान के विशेषज्ञों ने किसानों से उनके क्षेत्र में आने वाली विभिन्न चुनौतियों, जैसे मौसम, बागवानी, सब्जी फसलें, मृदा, कीट, रोग प्रबंधन और पशुधन से जुड़ी समस्याओं पर चर्चा की। डॉ. संजीव कुमार ने संस्थान द्वारा विकसित नई प्रजातियों और तकनीकों के बारे में जानकारी दी, जिससे किसानों को उनकी फसलों में बेहतर परिणाम मिल सकें।

जलवायु परिवर्तन के दौर में जल प्रबंधन पर जोर

डॉ. अजय कुमार ने बदलते जलवायु परिवेश में जल के उचित प्रबंधन की आवश्यकता पर जोर दिया और किसानों को जल संरक्षण की नई विधियों से अवगत कराया। वहीं, डॉ. वेद प्रकाश ने मौसम आधारित मोबाइल ऐप्स और कृषि सलाह सेवाओं की उपयोगिता पर किसानों को जानकारी दी, जिससे वे सटीक मौसम पूर्वानुमान के आधार पर बेहतर कृषि प्रबंधन कर सकें।

फसलों की बीमारियों पर चर्चा

डॉ. अभिषेक कुमार दूबे ने फसलों में होने वाली बीमारियों और उनके प्रबंधन पर विस्तृत जानकारी साझा की। उन्होंने किसानों को समय रहते बीमारियों की पहचान और उनकी रोकथाम के तरीकों से अवगत कराया, जिससे फसल उत्पादन में होने वाली क्षति को कम किया जा सके।

इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य किसानों से उनके कृषि संबंधी समस्याओं के बारे में जानकारी लेना और उन्हें कृषि मौसम सेवाओं एवं अन्य तकनीकी सलाह से परिचित कराना था, ताकि किसानों को समय पर सही जानकारी मिल सके और वे बेहतर तरीके से अपनी फसलों की देखभाल कर सकें।

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