State News (राज्य कृषि समाचार)

किसानों ने दिन में अधिक समय बिजली देने की मांग की

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18 नवम्बर 2022, इंदौर: किसानों ने दिन में अधिक समय बिजली देने की मांग की – इस साल के रबी सीजन में गेहूं -चने आदि की बुवाई शुरू हो गई है। सिंचाई के लिए बिजली वितरण को लेकर कृषक जगत ने दूरभाष पर इंदौर -उज्जैन संभाग के चुनिंदा किसानों से चर्चा की। सिंचाई के लिए 10 घंटे बिजली प्रदाय के दौरान कहीं बार-बार बिजली बंद होने की शिकायत सामने आई, तो कहीं बिजली वितरण के शेड्यूल के प्रति असंतोष दिखा। ट्रांसफार्मर पर अधिक लोड होने से जलने अथवा वाल्टेज की कमी से मोटरें नहीं चल पाने से किसान परेशान हैं। अधिकांश किसानों ने दिन में अधिक समय तक बिजली उपलब्ध करवाने की मांग की है, ताकि वे भी अन्य लोगों की तरह रात में सो सकें।

उल्लेखनीय है कि प्रदेश के जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट ने गत दिनों बिजली के उच्च अधिकारियों की रेसीडेंसी में बैठक ली। जिसमें उन्होंने कहा कि किसानों को प्रदेश शासन की योजना के अनुसार सिंचाई के लिए प्रतिदिन 10 घंटे की बिजली दी जाए। जहां ट्रांसफार्मर खराब हो वहां समय पर बदले जाएं। उन्होंने बिजली वितरण कम्पनी को निर्देश दिए कि किसानों के साथ ही सभी अन्य उपभोक्ताओं की कोई समस्या/ शिकायत हो तो उसका तत्काल समाधान किया जाए। लेकिन कृषक जगत के सर्वे में यह बात सामने आई है, कि किसान ट्रांसफार्मर पर लोड , कम वोल्टेज और देर रात में बिजली प्रदाय के समय से संतुष्ट नहीं है।

इंदौर जिले की देपालपुर तहसील के ग्राम बिरगोदा के किसान श्री सुदीप ठाकुर ने बताया कि वाल्टेज की समस्या पिछले दो माह से चल रही है। कम वाल्टेज के कारण मोटरें नहीं चल पा रही है। बिरगोदा में सुबह 11 :15 से 5 : 15 और रात को 1 : 15 से सुबह 5 :15 बजे तक बिजली प्रदाय की जाती है। धार जिले के बिजुर के किसान श्री दिनेश कामदार ने बताया कि 10 घंटे बिजली मिल रही है, जो दो शिफ्ट में सुबह 8 से 2 और रात को 11 से 3 बजे तक दी जा रही है। रात के बजाय दिन में अधिक बिजली देनी चाहिए। वहीं निगरनी (मनावर ) के किसान श्री कमल चोयल ने कहा कि 6 घंटे दिन में और 4 घंटे रात में बिजली दी जा रही है ,जबकि 10 घंटे दिन में देना चाहिए , ताकि किसान भी रात को सो सकें। चिकलिया (धार ) के श्री अजय पाटीदार ने कहा कि 6 -6 घंटे की दो शिफ्ट में बिजली दी जाती है , जो हर सप्ताह बदलती है। सुबह 10 से 2 और रात 6 से 9 बजे के अलावा फिर अगली बार अल सुबह 3 बजे से प्रातः 7 बजे तक का समय बहुत असुविधाजनक है। रमणगांव (खरगोन ) के श्री अजय पाटीदार ने बताया कि बिजली तो समय से शेड्यूल के अनुसार मिलती है , लेकिन ट्रांसफार्मर अधिक लोड होने से जल जाते हैं, इससे कृषि कार्य प्रभावित होते हैं। ट्रिपिंग भी बार -बार होती है, जबकि करोंदिया (महेश्वर ) के श्री महादेव पाटीदार ने कहा कि हर 15 दिन में शेड्यूल बदलता है। सुबह 9 से 3 और रात में अल सुबह 4 से प्रातः 8 बजे तक बिजली मिलती है। बार -बार बिजली बंद होने से किसान परेशान हो जाते हैं। गवल (बड़वाह ) के श्री बाबूलाल चौधरी ने कहा कि हर 15 दिन में दो शिफ्ट में 10 घंटे बिजली दी जाती है, जो शाम 4 से रात 8 और अल सुबह 3 से प्रातः 9 तक मिलती है। गुजली पुनासा (खंडवा ) के श्री मुकेश मलगाया ने कहा कि दिन में 9 से 3 और रात में 11 से 2 बजे तक बिजली मिलती है। उद्यानिकी फसल लेने वाले मंडवाड़ा (बड़वानी )के श्री बाबूलाल काग ने कहा कि 10 घंटे का बिजली प्रदाय का समय हर 15 दिन में बदलता है। अभी सुबह 10 से 6 और रात में 10 से 2 बजे तक बिजली दी जा रही है।

गोरवा (देवास ) के श्री जितेन्द्र पटेल ने बताया कि सुबह 8 से 2 और रात को 11 से 2 बजे तक बिजली मिलती तो है , लेकिन बार-बार बंद होती है। वोल्टेज भी कम मिलता है और मोटर जलने का अंदेशा रहता है। पटाड़ी (देवास )के श्री उदय सिंह चावड़ा ने कहा कि दिन में 6 घंटे से अधिक समय तक बिजली मिलनी चाहिए। अभी रात को 11 :30 से 2 :30 और सुबह 8 से 2 तक दी जारी है। ट्रिपिंग होने से बार -बार बिजली बंद हो जाती है। किसान परेशान हो जाते हैं। करवड़ पेटलावद (झाबुआ ) के श्री भगवान सिंह गामड़ ने कहा कि हर 15 दिन में समय बदलता है। अभी प्रातः 6 से 12 और रात को 2 से 6 बिजली दी जाती है , लेकिन रात में खेत में नहीं गए। जबकि गंगाखेड़ी (पेटलावद )के श्री बाबूलाल गवजी सोलंकी ने कहा कि 6 -6 घंटे बिजली दी जा रही है , लेकिन वाल्टेज की समस्या आ रही है। हतनारा (रतलाम )के श्री शिवलाल पाटीदार ने कहा कि रात को बिजली वितरण का समय उचित नहीं है। किसानों को दिन में अधिक बिजली देना चाहिए ,ताकि किसान रात में सो सकें। नावथा नेपानगर (बुरहानपुर ) के श्री संदीप जगले के यहाँ हर 15 दिन में प्रातः 6 -12 , 12 से 6 , 9 से 1 और रात 2 से 6 बजे के शेड्यूल में बिजली दी जाती है। मालखेड़ा (नीमच )के श्री भंवरलाल गायरी के यहाँ रात 3 :30 से सुबह 7 :30 और दोपहर में 2 :30 से रात 8 :30 तक बिजली दी जाती है , लेकिन डीपी बदलने के बाद भी वाल्टेज की समस्या है। रात को एक -दो बार बिजली बंद होती रहती है , जिससे किसान परेशान होते हैं। साबाखेड़ा (मंदसौर ) के श्री दिनेश ओंकारलाल पाटीदार ने अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा कि अल सुबह 5 :15 से 11 :15 की 6 घंटे की सप्लाय में 2 -3 बार बिजली बंद होती है। डीपी पर लोड ज्यादा है। दूसरी बार रात 9 से 1 बजे तक बिजली दी जाती है। बिजली सुधारने भी स्टाफ जल्दी नहीं आता है , ऐसे में जितना समय बिजली चालू करने में लगता है, उतना अतिरिक्त समय किसानों को देना चाहिए , क्योकि शेड्यूल में समय के हुए इस नुकसान की भरपाई नहीं की जाती है। इसकी सीएम हेल्प लाइन में भी शिकायत की गई है। किसान राजनीतिक दलों में बंटे होने से एकजुट नहीं हो पा रहे हैं और अपना नुकसान कर रहे हैं।

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