किसानों को कपास, मक्का एवं मूंग की फसल को बचाने की सलाह
30 अगस्त 2024, खरगोन: किसानों को कपास, मक्का एवं मूंग की फसल को बचाने की सलाह – जिलें में 28 अगस्त तक 681 मिमी वर्षा हो चुकी है, जबकि गत वर्ष आज दिनांक तक 789 मिमी वर्षा हुई थी। जिले में कृषि विभाग के क्षेत्रीय अमले द्वारा लगातार किसानों के खेतों का निरीक्षण एवं भ्रमण किया जा रहा है। वर्तमान में सामान्यतः फसलों की स्थिति अच्छी है।
कृषि उप संचालक श्री मेहताब सिंह सोलंकी ने किसानों को सलाह दी है कि जिन क्षेत्रों में कपास की अधिक बढ़वार है और फलन बहुत कम है वहां पर मेपीक्वाट क्लोराइड 5 प्रतिशत का 40 मिलीलीटर प्रति पंप का छिड़काव करें। यदि कपास के पौधे मुरझाते हुए घेरे में दिखाई देते है तो उसमें कार्बेन्डाजिम 01 ग्राम या कॉपर आक्सीक्लोराइड 03 ग्राम प्रति लीटर पानी के हिसाब से पौधो की जडों में ट्रेंचिंग (टोहा) करे।
रस चूसक कीट थ्रिप्स, हरा मच्छर के नियंत्रण के लिए फ्लोनिकोमाइड 50 प्रतिशत डब्ल्यूपी 6 ग्राम/पम्प या फिप्रोनिल 20 एम.एल. प्रति पम्प, अधिक प्रकोप होने पर फिप्रोनिल इमिडाक्लोरोप्रिड के मिश्रण का छिड़काव करें। साथ ही कपास में गुलाबी इल्ली के लिए फुल अवस्था में प्रति एकड खेत में 04 फेरोमेन प्रपंच लगाये, इनमें प्रतिदिन एकत्रित होने वाली वयस्क पंखियों का रिकार्ड रखे, जैसे ही खेत में प्रति प्रपंच 8 या अधिक पंखी आने लगे तब खेत में बिना किसी भेदभाव के 10 हरे घंटो का चयन कर इनमें इल्लियों की उपस्थिति को देखे। यदि औसत रुप से 01 या अधिक घेटो में कीट प्रकोप है, तब प्रारंभ में इनके नियंत्रण के लिए प्रोफेनोफास या थायडीओकार्य जैसे कम विषैले कीटनाशकों में से किसी एक का उपयोग करें। अधिक प्रकोप होने पर लेमडासायहेलोथ्रिन या एमिमोमेकटीन बेंजोएट या इन्डोक्साकार्ब जैसे अधिक विषैले कीटनाशकों का उपयोग कर सकते है।
मक्का फसल में फॉल आर्मी वर्म कीट का प्रकोप दिखाई देने पर फ्लूबेंन्डामाइट 20 डब्ल्यूडी जी 250 ग्राम प्रति हेक्टयर या स्पाईनोसेड 15 ईसी, 200-250 ग्राम प्रति हेक्टयर के मान से 200-250 लीटर पानी प्रति हेक्टर या एमिमोमेकटीन बेंजोएट 5 एस.जी. का 200 ग्राम प्रति हेक्टयर में कीट प्रकोप की स्थिति अनुसार 15 से 20 दिन के अन्तराल पर 2 से 3 छिड़काव करें अथवा कार्बाेपुप्रॉन 3 जी 2-3 किग्रा प्रति हेक्टयर का उपयोग करे। दानेदार कीटनाशकों का उपयोग पौधे की पोंगली में (5 से 10 दाने प्रति पोंगली) करने की सलाह दी जाती है।
मूंग फसल में पीला मोजेक दिखाई देने पर इसके वाहक सफेद मक्खी एवं अन्य कीटो की रोकथाम के लिए एसिटेमीप्रीड 25 प्रतिशत प्लस बायफंथ्रिन 25 प्रतिशत डब्ल्यूजी (250 ग्रा./हे) या थायोमिथेक्सम प्लस लैम्ब्डा सायहेलोथ्रिन 125 मिली/हे का छिड़काव करें। जल भराव की स्थिति में उचित जल निकासी की व्यवस्था करें।
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