राज्य कृषि समाचार (State News)

‘जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम’ के तहत किसान प्रशिक्षण संपन्न

28 अप्रैल 2025, छिंदवाड़ा: ‘जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम’ के तहत किसान प्रशिक्षण संपन्न – कलेक्टर श्री शीलेंद्र सिंह के निर्देशन में, एवं उपसंचालक कृषि श्री जितेंद्र कुमार सिंह के नेतृत्व में चांद में ‘जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम ‘ के अंतर्गत एक महत्वपूर्ण किसान प्रशिक्षण कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य क्षेत्र के किसानों को शून्य जुताई मूंग की फसल में अवशेष और खरपतवार प्रबंधन की आधुनिक तकनीकों से अवगत कराना था, ताकि वे टिकाऊ खेती को अपनाकर अपनी आय में वृद्धि कर सकें।

बोरलॉग इंस्टीट्यूट फॉर साउथ एशिया (BISA), जबलपुर, कृषि विभाग और कृषि अभियांत्रिकी विभाग, छिंदवाड़ा के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम में चौरई के एसडीएम श्री प्रभात मिश्रा और तहसीलदार श्रीमती शोभना ठाकुर ने विशेष रूप से भाग लिया और किसानों से अपील की नरवाई न जलाए और अगली फसल की बुवाई के लिए हैप्पी सीडर, सुपर सीडर जैसी मशीनों का प्रयोग  करें , जो समय और श्रम को कम करते हुए शुरुआती लागत को भी कम करती है । वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी श्री उमेश पाटिल, कृषि विस्तार अधिकारी श्री सुनोद मस्कोले और श्री  आशीष घाघरे के साथ बड़ी संख्या में क्षेत्र के किसानों ने उत्साहपूर्वक अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।

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BISA के वैज्ञानिक डॉ. पंकज कुमार और श्री दीपेंद्र सिंह ने किसानों को शून्य जुताई तकनीक के वैज्ञानिक पहलुओं, फसल अवशेषों के उचित प्रबंधन और खरपतवारों के प्रभावी नियंत्रण के आधुनिक तरीकों पर विस्तृत मार्गदर्शन दिया। उन्होंने किसानों की शंकाओं का समाधान किया और उन्हें कृषि क्षेत्र में नवीनतम प्रगति को अपनाने के लिए प्रेरित किया। साथ ही किसानों को खरपतवार प्रबंधन के लिए प्रभावी इमिजाथायपर हर्बीसाइड, कीटों के नियंत्रण के लिए इमिडाक्लोप्रिड कीटनाशक और पौधों की स्वस्थ वृद्धि के लिए सागरिका ग्रोथ प्रमोटर का BISA द्वारा निःशुल्क वितरण किया गया। इस निःशुल्क वितरण से किसानों को आर्थिक रूप से भी सहायता मिली।यह प्रयास निश्चित रूप से चांद क्षेत्र के किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो उन्हें आधुनिक कृषि तकनीकों को अपनाने और अपनी फसल की गुणवत्ता और उपज को बढ़ाने में मदद करेगा। इस कार्यक्रम ने किसानों में नई उम्मीद और आत्मविश्वास का संचार किया है, जिससे वे कृषि क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छूने के लिए प्रेरित होंगे।

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