राज्य कृषि समाचार (State News)

किसान भाई जरा ध्यान दें: क्या आप बंटाई या किराए पर दे रहे है अपने खेत को, तो करना होगा अनुबंध

27 अगस्त 2024, भोपाल: किसान भाई जरा ध्यान दें: क्या आप बंटाई या किराए पर दे रहे है अपने खेत को, तो करना होगा अनुबंध -मध्यप्रदेश के किसानों को अब अपना खेत बंटाई या किराए पर दने के लिए अनुबंध करना अनिवार्य कर दिया गया है ताकि ऐसे किसान भी सरकारी योजनाओं का लाभ लेने से दूर न रहे। दरअसल सरकार की तरफ से  मध्यप्रदेश भूमि स्वामी एवं बटाईदारों के हित के लिए बनाए संरक्षण अधिनियम 2016 के अनुरूप भूमि बटाई पर दिए जाने की मान्यता प्रदान की गई है।


संरक्षण अधिनियम में संशोधन किया गया

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सरकार द्वारा बटाईदारों के हित में बनाये गए संरक्षण अधिनियम में संशोधन किया गया है। अधिनियम भूमि स्वामी बटाईदार दोनों के हितों का संरक्षण करता है। अब कोई भी भूमि स्वामी अपनी भूमि बटाई पर देने या किसी व्यक्ति द्वारा बटाई पर लेने की वैधानिकता तभी मानी जाएगी जब दोनों पक्षों के द्वारा मध्यप्रदेश भूमि स्वामी बटाईदारों के हित संरक्षण अधिनियम 2016 के नियम चार के तहत अनुबंध निष्पादित किया हो और एक प्रति संबंधित क्षेत्र के तहसीलदार को उपलब्ध कराई हो। 

योजनाओं का लाभ तब ही मिलेगा

अब कोई भी बटाईदार, खेत बटाई पर या किराये पर लेता है तो उसे फसल क्षति होने पर दी जाने वाली राहत राशि यानी की मुआवजा, बीमा राशि, कृषि उपज समर्थन मूल्य पर बेचने आदि योजनाओं का लाभ तब ही मिलेगा जब भूमि स्वामी और बटाईदार के मध्य उपरोक्त अधिनियम के अंतर्गत अनुबंध निष्पादित हुआ हो। विधिवत अनुबंध के अभाव में उपरोक्त हित लाभ दिया जाना संभव नहीं होगा।

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क्या होता खेतों को बंटाई पर देना 

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कभी-कभी परिवारों में ऐसी स्थिति का जन्म हो जाता है कि परिवारजनों की आपस में बनती नहीं है और विवाद होते हैं तब खेती की जमीन की बंटवारे की स्थिति आ जाती है और पक्षकार आपस में बंटवारा चाहते हैं। इस स्थिति में भी कुछ पक्षकार बंटवारा चाहते हैं और कुछ पक्षकार बंटवारा नहीं चाहते हैं पर अगर किसी व्यक्ति का कोई हित किसी खेती की जमीन में है तब उसके पास यह अधिकार होता है कि वह ऐसा बंटवारा प्राप्त करके और जमीन को अपने नाम रजिस्टर्ड करवा दें। मान लिया जाए कि एक व्यक्ति के पास में कुछ खेती की जमीन थी और उस व्यक्ति की मृत्यु बगैर कोई वसीयत किए हो जाती है। तब ऐसे व्यक्ति की जमीन उसके उत्तराधिकारियों के पास चली जाती है। अब यहां पर उस व्यक्ति के दो बेटे और एक विधवा है। इस स्थिति में तीनों ही बराबर के हिस्सेदार होते हैं। 

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