State News (राज्य कृषि समाचार)

राजस्थान को पशुपालन के क्षेत्र में आदर्श राज्य बनाने करेंगे हर संभव प्रयास : श्री कुणाल

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दुग्ध उत्पादन एवं ऊन उत्पादन में राज्य ने रचा इतिहास, हासिल किया प्रथम स्थान

9 अप्रैल 2023, जयपुर । राजस्थान को पशुपालन के क्षेत्र में आदर्श राज्य बनाने करेंगे हर संभव प्रयास : श्री कुणाल – केंद्रीय पशुपालन मंत्री श्री पुरुषोत्तम रुपाला द्वारा जारी विभागीय  वार्षिक प्रकाशन ‘बुनियादी पशुपालन सांख्यिकी 2022’ के अनुसार राजस्थान 15.5 प्रतिशत दुग्ध उत्पादन एवं 45.91 प्रतिशत ऊन उत्पादन के साथ प्रथम स्थान पर है। जबकि  देश में दुग्ध उत्पादन वर्ष 2021-22  में 221.06 मिलियन टन हुआ, गत वर्ष की तुलना में 5.29 प्रतिशत वृद्धि दर दर्ज की गयी। वहीं सम्पूर्ण देश में वर्ष 2021-22  में कुल ऊन उत्पादन 33.13 हजार टन रहा। प्रतिवेदन के अनुसार मुख्य पांच दुग्ध उत्पादन में राजस्थान (15.05%), उत्तर प्रदेश (14.93%), मध्य प्रदेश (8.06%),गुजरात (7.56%) एवं आंध्र प्रदेश (6.97%) राज्य शामिल हैं। वहीं ऊन उत्पादन में प्रमुख पांच राजस्थान (45.91%), जम्मू एवं कश्मीर (23.19%),गुजरात (6.12%),महाराष्ट्र (4.78 %),एवं हिमाचल प्रदेश (4.33%) राज्य शामिल है। प्रतिवेदन पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पशुपालन विभाग के शासन सचिव श्री कृष्ण कुणाल ने कहा कि सम्पूर्ण प्रदेश वासियों के लिए यह गर्व का विषय है कि राज्य दुग्ध एवं ऊन उत्पादन में प्रथम स्थान पर है।. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की पशुपालकों के लिए कल्याणकारी सोच एवं योजनाओं का आज यह परिणाम है कि राज्य पशुपालन के क्षेत्र में देश एवं विदेशों में अपनी कामयाबी का परचम लहरा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य की सकल विकास दर में पशुपालन के अहम योगदान को देखते हुए विभाग लगातार पशुपालकों के हितों  को सर्वोपरि रखते हुए कार्य कर रहा है।

मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक  सम्बल योजना से दुग्ध उत्पादकों ने पाया सम्बल

श्री कुणाल ने कहा कि मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक सम्बल योजना के तहत 5 रुपए प्रति लीटर दी जा रही अनुदान राशि निश्चित तौर पर मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत की कल्याणकारी सोच का एक अभूतपूर्व कदम है। जिसके तहत आज राज्य को  दुग्ध उत्पादन में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर प्रथम स्थान प्राप्त करने में कामयाबी हासिल हुई है।

सरस ने एक दिन में  52 लाख लीटर से ज्यादा दूध संकलित कर बनाया था रिकॉर्ड  

राजस्थान कॉपरेटिव डेयरी फेडरेशन की प्रबंध संचालक श्रीमती सुषमा अरोड़ा ने बताया कि हाल ही में सरस डेयरी द्वारा एक दिन में  52 लाख लीटर से अधिक दूध संकलित कर रिकॉर्ड बनाया गया था। उन्होंने बताया कि 1977 में आरसीडीएफ की स्थापना के बाद पहली बार एक ही दिन में सर्वाधिक दूध संकलित किया गया था।

देशी ऊन बढ़ाएगी भेड़ पालकों की आय

सेंटर फॉर पेस्ट्रोलिस्म के  प्रतिनिधि श्री अनुराग के अनुसार देशी ऊन न केवल पश्मीना ऊन का एक बेहतर विकल्प साबित हो सकती है, बल्कि भेड़  पालकों के लिए आय का मुख्य स्रोत भी हो सकती है। देशी ऊन गर्म कपडे,कार्पेट एवं पैकेजिंग सामग्री एवं बिल्डिंग सामग्री के साथ बायो फ़र्टिलाइजऱ के रूप में भी मुख्य अवयव के रूप में उपयोग में आती है।

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