आपात काल के योद्वाओं को भी लोकतंत्र सेनानी घोषित कर सम्माननिधि मिले – सांसद श्री चौधरी ने सरकार के समक्ष रखी मांग
29 सितंबर 2020, अजमेर। आपात काल के योद्वाओं को भी लोकतंत्र सेनानी घोषित कर सम्माननिधि मिले – सांसद श्री चौधरी ने सरकार के समक्ष रखी मांग – अजमेर सांसद भागीरथ चौधरी ने लोकसभा में केन्द्र सरकार से देश मे 26 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक रहे आपातकाल के दौरान आजादी की दूसरी लड़ाई अर्थात लोकतंत्र की रक्षार्थ लड़ी गई लड़ाई में भाग लेने वाले राजनीतिक एवं सामाजिक बंदियों को भी स्वतंत्रता सेनानियों के समान ही देश के लोकतंत्र सेनानी के रूप में सम्मानित किये जाने की मांग रखी । सांसद श्री चौधरी ने संसद में बोला कि ये लोकतंत्र सेनानी एक ऐसे कर्म योेद्वा है जिनको इस आपातकाल के दौरान भाग लेने पर उन्हें सार्वजनिक रूप से यातनाएं मिली, दंडित किया गया, जेल में बंदी बनाकर रखा गया, साथ ही साथ इनके परिवारजनों तक को भी यातानाये दी गई।
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विगत 10-15 वर्षों से देश के कोने कोने से, हर राज्य से आपातकाल के दौरान संघर्षरत रहे इन कर्म योद्धाओं को लोकतंत्र सेनानी के रूप में केन्द्र स्तर पर घोषणा कर सम्मानित करने की मांग उठी है, लेकिन केंद्र स्तर पर इन मीसा बंदियों, डीआईआर, सीआरपीसी के तहत प्रताड़ित रहे सरकारी रिकॉर्डड राजनीतिक एवं सामाजिक बंदियों को सम्मान देने हेतु अभी तक उचित कार्रवाई लंबित है जो कि खेद जनक है। हालांकि देश के कुछ राज्यों में राज्य सरकारों ने इन लोकतंत्र सेनानियों को सम्मान पूर्वक पेंशन, चिकित्सा सहायता, आवागमन सुविधा पास आदि को नियमानुसार कानून बनाकर सम्मान निधि के रूप में प्रदान भी की है। लेकिन अत्यंत दुख का विषय है कि देश को गत 50 वर्षों से चूर-चूर कर खोखला कर चुकी हमारे विपक्षी भाइयों की राज्य सरकारों ने कुछ राज्यों में सत्ता सुख प्राप्त करते ही इन लोकतंत्र सेनानियों को नियमानुसार प्रदत सम्मान निधि पर रोक लगा दी है जो कि इनकी ओछी मानसिकता को प्रदर्शित करती है जो कि गलत है हम इसका विरोध करते हैं।
अतः सदन के माध्यम से केंद्र सरकार से निवेदन है कि उचित संज्ञान लेकर इन कर्म योद्धाओं को यथा सम्मान प्रदान करें।
- सन्तोष शर्मा राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष लोकतंत्र सेनानी संघ