राज्य कृषि समाचार (State News)

‘एक पेड़ मां के नाम 2.0’: यूपी में मनरेगा के तहत 12.5 करोड़ पौधों का होगा मेगा रोपण 

हरियाली के साथ मिलेगा रोजगार, PMAY लाभार्थियों को मिलेंगे सहजन के पौधे

11 जुलाई 2025, भोपाल: ‘एक पेड़ मां के नाम 2.0’: यूपी में मनरेगा के तहत 12.5 करोड़ पौधों का होगा मेगा रोपण – पर्यावरण संरक्षण को जनआंदोलन बनाने और गांवों में रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार एक बार फिर बड़ी पहल करने जा रही है। ‘एक पेड़ मां के नाम 2.0’ अभियान के तहत मनरेगा योजना के माध्यम से पूरे राज्य में 12.5 करोड़ पौधों का मेगा रोपण अभियान शुरू किया जाएगा। यह योजना हरियाली के साथ-साथ ग्रामीणों के लिए आजीविका का साधन भी बनेगी।

मनरेगा से होगा मेगा पौधरोपण

अभियान के तहत 1.89 लाख से अधिक स्थलों पर पौधे लगाए जाएंगे। इन स्थानों का चयन स्थानीय पर्यावरण और भू-प्रकृति के अनुसार किया गया है। यह सुनिश्चित किया गया है कि हर पौधे की देखभाल, सिंचाई और सुरक्षा की पूरी व्यवस्था की जाए। अभियान में मनरेगा के श्रमिकों को शामिल कर रोजगार भी उपलब्ध कराया जाएगा।

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अभियान में लखीमपुर खीरी को 42 लाख पौधों के रोपण का सबसे बड़ा लक्ष्य मिला है। इसके बाद सोनभद्र और हरदोई को दूसरा और तीसरा स्थान दिया गया है। जिलों को उनके भौगोलिक क्षेत्र और जलवायु के अनुसार लक्ष्य बांटे गए हैं। यह अभियान सिर्फ वृक्षारोपण तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य मातृत्व के प्रति सम्मान और संवेदना को भी समाज से जोड़ना है। इस पहल के ज़रिए सरकार हर पेड़ को एक परिवारिक भावना से जोड़ने की कोशिश कर रही है।

PMAY लाभार्थियों को मिलेंगे 2-2 सहजन के पौधे

इस अभियान के अंतर्गत प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के हर लाभार्थी को 2 सहजन (मोरिंगा) के पौधे मुफ्त दिए जाएंगे। सहजन एक औषधीय गुणों से भरपूर पौधा है, जो पोषण और स्वास्थ्य की दृष्टि से अत्यंत उपयोगी है। रोपण के बाद पौधों की सिंचाई, ट्री गार्ड, निगरानी और संरक्षण के लिए अलग से व्यवस्था की जा रही है। इसकी निगरानी मनरेगा कर्मियों द्वारा की जाएगी। सरकार का मानना है कि रोपण से ज्यादा जरूरी है पौधों को जीवित और फलदायी बनाए रखना।

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ग्राम्य विकास विभाग को दी गई जिम्मेदारी

अभियान की सफलता सुनिश्चित करने के लिए ग्राम्य विकास विभाग को समन्वयक की भूमिका सौंपी गई है। विभाग द्वारा सभी जिलों में स्थल चयन, पौधों की किस्म, रखरखाव व जनसहभागिता पर काम किया जा रहा है।

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