राज्य कृषि समाचार (State News)

दुर्गाबाई ने अपनाया एकीकृत कृषि मॉडल, सालाना कमाई 7 लाख

03 जून 2025, धार: दुर्गाबाई ने अपनाया एकीकृत कृषि मॉडल, सालाना कमाई 7 लाख – आदिवासी अंचल के एक छोटे से गांव की महिला किसान ने परंपरागत खेती से आगे बढ़कर एकीकृत कृषि मॉडल अपनाकर न केवल अपनी बल्कि अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को सशक्त किया है, बल्कि क्षेत्र के अन्य किसानों के लिए भी  प्रेरणास्रोत बन गई हैं। यह कहानी है नालछा ब्लॉक के शिकारपुरा गांव की दुर्गाबाई पति बच्चूसिंह की, जिन्होंने खेती के क्षेत्र में नवाचार करते हुए सालाना 6.83 लाख रुपए की आय अर्जित कर एक मिसाल कायम की है।

दुर्गाबाई ने अपनी डेढ़ हेक्टेयर भूमि पर परंपरागत फसलों के साथ-साथ उद्यानिकी फसलें लगाईं और आय के विविध स्रोत तैयार करने के उद्देश्य से पोल्ट्री व डेयरी यूनिट की भी शुरुआत की। उन्होंने देशी मुर्गी पालन के साथ-साथ कड़कनाथ नस्ल की पोल्ट्री भी विकसित की है। वर्तमान में उनके पास 238 कड़कनाथ मुर्गियां, 88 देशी मुर्गियां और 66 बकरियां हैं, जिनसे उन्हें सालाना 4.54 लाख रुपए की आय प्राप्त हो रही है।खेती-किसानी से जुड़े इस नवाचार और सतत प्रयासों के चलते दुर्गाबाई को वर्ष 2022 में ‘कृषक फेलो अवार्ड’ से नवाजा गया। यह सम्मान उन्हें जबलपुर स्थित जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय के उद्घाटन सत्र में प्रदान किया गया, जो उनके कृषि क्षेत्र में किए गए उत्कृष्ट योगदान का प्रतीक है।

कक्षा 12वीं तक शिक्षित दुर्गाबाई ने कृषि वैज्ञानिकों से मार्गदर्शन लेकर तकनीकी खेती की ओर कदम बढ़ाए हैं। कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) के सहयोग से उन्होंने 2 किलो उन्नत सोयाबीन बीज रेज्ड बेड पद्धति से बोए और 2.50 क्विंटल उत्पादन प्राप्त किया। इस उन्नत बीज को दुर्गाबाई ने आगे 16 गांवों के 145 किसानों तक पहुंचाया, जिससे क्षेत्रीय स्तर पर उन्नत खेती को बढ़ावा मिला है। कृषि वैज्ञानिक डॉ. एसएस चौहान के अनुसार, दुर्गाबाई ने तकनीक से जुड़ने का संकल्प लेकर जो कार्य आरंभ किया है, वह न केवल सराहनीय है, बल्कि छोटे किसानों के लिए भी एक अनुकरणीय उदाहरण है। उनका यह एकीकृत कृषि मॉडल ग्रामीण क्षेत्र में आत्मनिर्भरता और टिकाऊ कृषि का बेहतरीन नमूना बन गया है।

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