Kharif MSP 2025: अरहर/तुअर दाल में आत्मनिर्भरता के लक्ष्य के तहत MSP में बढ़ोतरी
02 जून 2025, नई दिल्ली: Kharif MSP 2025: अरहर/तुअर दाल में आत्मनिर्भरता के लक्ष्य के तहत MSP में बढ़ोतरी – सरकार ने खरीफ विपणन सीजन 2025-26 के लिए अरहर दाल (तुअर) का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) ₹8000 प्रति क्विंटल तय किया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में ₹450 की वृद्धि है. यह बढ़ोतरी करीब 6% की है.
आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) की बैठक में 14 खरीफ फसलों के नए एमएसपी को मंजूरी दी गई.
फसल | 2013-14 | 2020-21 | 2021-22 | 2022-23 | 2023-24 | 2024-25 | 2025-26 | लागत KMS 2025-26 | लागत पर मार्जिन (%) |
अरहर | 4300 | 6000 | 6300 | 6600 | 7000 | 7550 | 8000 | 5038 | 59 |
लागत और लाभ का गणित
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अरहर की उत्पादन लागत ₹5038 प्रति क्विंटल आंकी गई है. इस पर 59% लाभ मार्जिन जोड़ते हुए ₹8000 का MSP तय किया गया है. यह वही फार्मूला है जिसे 2018-19 के केंद्रीय बजट में अपनाया गया था जिसमें किसानों को उनकी लागत का कम-से-कम डेढ़ गुना मूल्य दिए जाने का वादा किया गया था.
आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम?
अरहर दाल देश की प्रमुख दालों में से एक है, जिसकी घरेलू मांग अधिक है, जबकि उत्पादन अक्सर कम रह जाता है. इस अंतर को भरने के लिए भारत को बड़ी मात्रा में अरहर आयात करनी पड़ती है, खासकर अफ्रीकी और दक्षिण एशियाई देशों से. ऐसे में MSP में यह बढ़ोतरी आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक नीतिगत संकेत के रूप में देखी जा रही है.
हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि आत्मनिर्भरता केवल मूल्य बढ़ाने से नहीं, बल्कि व्यापक फसल योजना, बीज सुधार, सिंचाई सुविधा और सरकारी खरीद की गारंटी से ही संभव होगी.
MSP में बढोतरी के लिहाज से अरहर इस बार टॉप की चार फसलों में शामिल नहीं है. फिर भी, सरकार ने इसे मक्का और बाजरा जैसी फसलों के साथ उस श्रेणी में रखा है, जिनपर उत्पादन लागत के सापेक्ष 59% तक का लाभ मार्जिन तय किया गया है. इससे यह संकेत मिलता है कि दालों को भी सरकार की प्राथमिकता में स्थान दिया गया है.
अरहर के MSP में वृद्धि को सरकार आत्मनिर्भरता के एक साधन के रूप में देख रही है. यह कदम नीतिगत स्तर पर एक संकेत हो सकता है कि दालों की घरेलू आपूर्ति को मजबूत करने की मंशा है. लेकिन इस लक्ष्य की पूर्ति के लिए ज़मीन पर क्रियान्वयन, बुनियादी ढांचे और किसानों की भागीदारी को समान प्राथमिकता देना आवश्यक होगा.
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