State News (राज्य कृषि समाचार)

दाल मिल के बाय प्रोडक्ट पर 5% जीएसटी खत्म करने की मांग की

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13 सितम्बर 2022, इंदौर: दाल मिल के बाय प्रोडक्ट पर 5% जीएसटी खत्म करने की मांग की – ऑल इंडिया दाल मिल एसोसिएशन के प्रतिनिधि मण्डल ने दाल इंडस्ट्रीज़ के बाय प्रोडक्टस चूरी, छिलका, खण्डा (सप्लीमेंट्स एण्ड हस्क ऑफ पल्सेस) पर 5% जीएसटी समाप्त करने के संबंध में गत दिनों नई दिल्ली में केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण के साथ हुई बैठक में उनसे अनुरोध किया कि चूरी, छिलका, खण्डा को जीएसटी मुक्त रखा जावे |

उक्त जानकारी देते हुए संस्था के अध्यक्ष श्री सुरेश अग्रवाल ने अपनी प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग द्वारा गत 3 अगस्त को सर्कुलर जारी कर दाल इंडस्ट्रीज़ के तुअर, उड़द, मूंग, मसूर, चना आदि दालों के बाय प्रोडक्टस चूरी, छिलका, खण्डा (सप्लीमेंट्स एण्ड हस्क ऑफ पल्सेस) (दुधारू पशुओं  के आहार के रूप में  उपयोग में आने वाली सामग्री) के व्यापार पर जीएसटी लगा दिया है |जीएसटी समाप्त करने के लिए वित्त मंत्री से अनुरोध कर अवगत कराया कि 28 जून 2017 जब जीएसटी लागू  हुआ था, तभी से सप्लीमेंट्स एण्ड हस्क ऑफ पल्सेस, जीएसटी से मुक्त है । वित्त मंत्रालय की अधिसूचना के कारण दुधारू पशुओं  (गाय, भैंस आदि) के उपयोग मे आने वाली वस्तु महंगी हो रही है | उड़ीसा हाईकोर्ट के मिश्रित पशु आहार के मामले में दिए फैसले में  इन दोनों वस्तुओ को बाय प्रोडक्ट ऑफ केटल फ़ीड मानकर कर योग्य बताने से दाल इंडस्ट्रीज़ में कारोबार प्रभावित होकर व्यापार में रुकावट आ रही है |

उल्लेखनीय है कि भारत में  दाल मिलें  विगत 1960 से कार्यरत है तथा यह मिश्रित पशु आहार के प्लांट पिछले 10 वर्षों से प्रचलन में आए हैं  | जहां गुड़ की राब,मक्का का आटा , राईस ब्रान ,कैल्शियम  तथा कृत्रिम रसायनों  का उपयोग करके मिश्रित पशु आहार बनाया जाता है |

जबकि दाल इंडस्ट्रीज़ के पूरक  एवं चूरी की उच्च कीमतें होने के कारण मिश्रित पशु आहार के प्लांट्स द्वारा इसका उपयोग नहीं के बराबर किया जाता है | दाल उद्योग  के बाय प्रोडक्ट चूरी, छिलका, खण्डा का उपयोग गत कई वर्षों से देश के किसानों और पशु पालकों द्वारा अपने दुधारू पशुओ को पौष्टिक पशु आहार के रूप मे किया जाता है। एसोसिएशन ने वित्त मंत्री से उपरोक्त अधिसूचना के बारे मे पुनर्विचार करने के साथ ही दाल उद्योग के कारखाने  के लिए जो  भवन किराए पर लिए जाते हैं, उस पर सरकार ने 20 लाख तक के किराए पर 18% जीएसटी लगा रखा है,उसे बढ़ा कर 40 लाख तक करने का अनुरोध भी किया गया। प्रतिनिधि मंडल श्री अनिल गुप्ता, श्री रूपेश राठी (अकोला), श्री अशोक वासवानी (बीकानेर) एवं श्री अनुग्रह जैन (जबलपुर) भी शामिल थे।

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