State News (राज्य कृषि समाचार)

राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में दी गई उपाधियां

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12 अक्टूबर 2022, ग्वालियरराजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में दी गई उपाधियां – राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय के दीक्षांत कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रदेश के राज्यपाल एवं विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री मंगुभाई पटेल ने कहा कि विद्यार्थी अपनी पवित्र मातृभूमि और माता-पिता को कभी न भूलें और अच्छी शिक्षा और संस्कारों के आधार पर इनके प्रति अपने कर्तव्य का पालन करें। मुख्य अतिथि के रूप में दीक्षांत समारोह को प्रदेश के कृषि मंत्री श्री कमल पटेल ने भी संबोधित किया। इसमें चार विद्यार्थियों कृषि स्नातक में ग्वालियर महाविद्यालय के श्री अक्षत गुप्ता, उद्यानिकी स्नातक में मंदसौर की प्रेरणा सिंह, कृषि स्नातकोत्तर में ग्वालियर की यशी सिंह तोमर तथा पी.एच.डी. में कु. प्रेरणा परिहार को स्वर्ण पदक सहित 638 विद्यार्थियों को पी.एच.डी., स्नाकोत्तर एवं स्नातक उपाधि प्रदान की गई।

कृषि विश्वविद्यालय के दत्तोपंत ठेंगड़ी सभागार में आयोजित अष्टम दीक्षांत समारोह में अपने अध्यक्षीय उद्बोधन मेें महामहिम राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि आज के युवाओं को यह जानकारी होना आवश्यक है कि देश किन महापुरूषों के कारण स्वतंत्र हुआ। विशिष्ट अतिथि उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण तथा नर्मदा घाटी विकास राज्य मंत्री श्री भारतसिंह कुशवाह ने भूमि व जल के समूचित प्रबंधन के साथ अधिक उत्पादन पर ध्यान दिलाया। आपने प्रदेश में उद्यानिकी के माध्यम से युवाओं को रोजगार के नवीन अवसर देने की दिशा में हो रहे प्रयासों के विषय में बताया।

विशिष्ट अतिथि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के उपमहानिदेशक (कृषि शिक्षा) डाॅ. आर. सी. अग्रवाल ने कहा कि देश में कृषि शिक्षा के परिदृश्य में बड़ा बदलाव आया हैं, छात्राएं इस क्षेत्र में बहुत तेजी से जुड रही है। कृषि अनुसंधान परिषद, विश्व बैंक के सहयोग से विद्यार्थियों को शिक्षा और अनुसंधान के नूतन अवसर देने का काम कर रही है। कुलपति प्रो. एस. के. राव ने बताया कि विश्वविद्यालय में जैविक और प्राकृतिक खेती पर अनुसंधान हो रहा है। कार्यक्रम का संचालन कुलसचिव प्रो. नरेश सिंह भदौरिया द्वारा किया गया।

दीक्षांत समारोह में सिरताज बहादुर सिन्हा स्मृति अवार्ड सीमा चैधरी, नीतेश तिवारी और कोमल अग्रवाल को प्रदान किए गए। कार्यक्रम में पी.एच.डी. के 14, कृषि स्नातकोत्तर के 321 तथा कृषि व उद्यानिकी स्नातक स्तर के 303 विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान की गई।

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