आलूबुखारा की खेती भी होती है किसानों के लिए फायदेमंद
19 मई 2025, भोपाल: आलूबुखारा की खेती भी होती है किसानों के लिए फायदेमंद – भले ही हमारे देश में किसान प्राकृतिक या पारंपरिक खेती करते हो लेकिन कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों से यह भी कहा है कि यदि किसान आलूबुखारा की खेती करें तो भी ये किसानों के लिए फायदेमंद रहती है क्योंकि किसानों को पौधे की रोपाई एक ही बार करना होती है।
इस फल की खेती बहुत लाभकारी मानी जाती है क्योकि इसकी डिमांड बाजार में खूब होती है । लोग इस फल को खाना बहुत पसंद करते है इस फल का इस्तेमाल कई मांगे मांगे सिरप और जूस बनाने में किया जाता है। इस फल की खेती से न केवल अधिक उपज मिलती है बल्कि इसकी बाजार में कीमत भी ज्यादा मिलती है। क्योकि इसके फलों को सुखाकर ड्राई फ्रूट के लिए भी बेचा जाता है जो दोगुनी कीमत पर बिकते है। आलूबुखारा की खेती के लिए गहरी, उपजाऊ और अच्छी जल निकासी वाली दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त होती है मिट्टी का pH 5.5-6.5 के बीच होना चाहिए। आलूबुखारा की खेती पर्वतीय इलाकों और मैदानी क्षेत्रों दोनों में की जा सकती है इसके पौधों को पहले नर्सरी में तैयार किया जाता है फिर खेत में रोपाई को जाती है इसके पौधों को 15-15 फीट की दूरी लगाना चाहिए। रोपाई के बाद इसका पेड़ क़रीब साल में फल देने लगता है। आलूबुखारा की खेती से बहुत जबरदस्त ताबड़तोड़ कमाई देखने को मिलती है क्योकि ये मार्केट में फ्रेश और ड्राई फ्रूट दोनों के लिए बिकता है आलूबुखारा की खेती में आम तौर पर प्रति पेड़ से करीब 50-60 किलो फल की पैदावार होती है। आप एक एकड़ में इसकी खेती से लाखों रुपए की कमाई आराम से कर सकते है ये बाजार में करीब 200 रुपए प्रति किलो तक बिकता है।
(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़, टेलीग्राम, व्हाट्सएप्प)
(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)
कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:
www.krishakjagat.org/kj_epaper/
कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: