कपास किसान मेला एवं कृषि मौसम जागरूकता कार्यक्रम आयोजित
08 मार्च 2025, झाबुआ: कपास किसान मेला एवं कृषि मौसम जागरूकता कार्यक्रम आयोजित – कृषि विज्ञान केन्द्र झाबुआ के प्रक्षेत्र कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन टेक्सटाइल इंडस्ट्री किसान कल्याण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा संचालित कॉटन ईएलएस पायलट प्रोजेक्ट पर भारत मौसम विज्ञान विभाग द्वारा संचालित ग्रामीण कृषि मौसम सेवा परियोजना, आंचलिक कृषि अनुसंधान केन्द्र झाबुआ एवं झाबुआ के संयुक्त तत्वाधान में कपास किसान मेला एवं कृषि मौसम जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन कैबिनेट मंत्री महिला एवं बाल विकास मध्य प्रदेश शासन सुश्री निर्मला भूरिया के मुख्य आतिथ्य में किया गया। जिसमें झाबुआ जिले के सभी विकास खंडों के विभिन्न ग्रामों से आए 450 किसान ने भाग लिया।
कैबिनेट मंत्री सुश्री निर्मला भूरिया ने किसानों से जैविक कपास उत्पादन पर चर्चा की एवं किसानों को रासायनिक खाद एवं रसायनों के अधिक प्रयोग से खेतों, फसलों एवं पर्यावरण पर पड़ रहे बुरे प्रभाव से उत्पादन लागत बढ़ने के साथ-साथ उपज भी घट रही है। कैबिनेट मंत्री ने कहा कि जिले में उत्पादित कपास बहुत अच्छी गुणवत्ता का है। आपने किसानो को जैविक खेती अपनाने के लिये प्रेरित किया। जिले के कृषि क्षेत्र में महिलाओं की भूमिका बताते हुए उन्होंने बताया कि महिलाएं कृषि के क्षेत्र में सक्षमता से कार्य करती है एवं कृषि से संबंधित गतिविधियों का ज्ञान रखती है।
इस कार्यक्रम में सीआईटीआई सीडीआरए के श्री आर.बी.एस. तोमर ने कपास ईएलएस पायलेट प्रोजेक्ट के बारे में बताया एवं जिले में कपास का उत्पादन बढ़ाने हेतु चयनित किये गये किसानो को प्रोत्साहन राशि के रूप में 750 किसानों के खतों में 75 लाख रूपये डी.बी.टी. के माध्यम से भेजे गए। 15 पुरुषों को पानी की बाटलें एवं 15 महिलाओं को कपास चुनने के बैग बांटे गए , ताकि कपास की गुणवत्ता खराब ना हों । डॉ आर.के. त्रिपाठी ने ग्रामीण कृषि मौसम परियोजना द्वारा जिले में किये जा रहे कार्यों की विस्तार से जानकारी दी व बताया कि भारत मौसम विज्ञान विभाग द्वारा जिले के किसानों के लिए सप्ताह में दो दिन (मंगलवार व शुक्रवार) को आने वाले पांच दिनों के मौसम का पूर्वानुमान प्राप्त होता है जिसके आधार पर मौसम व फसल की अवस्थानुसार कृषिगत कार्यों की जानकारी किसानों को दी जाती है। आपने जलवायु परिवर्तन एवं मौसम की अनिश्चितता के कारण कृषि पर पड़ रहे प्रभाव पर विस्तार से चर्चा की व इनसे बचाव हेतु उन्नत कृषि तकनीकियों को बताया।
इसी कड़ी में डॉ सिंह ने मृदा परीक्षण के महत्व एवं इसकी कृषि में उपयोगिता पर चर्चा की तथा मृदा नमूना लेने की सही तकनीक बताई। इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से उप संचालक कृषि श्री नगीन रावत, वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. जगदीश मौर्य एवं प्रमुख केवीके झाबुआ डॉ. डी.एस तोमर, वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. वी.के सिहं, डॉ. आर.के. त्रिपाठी, सीनियर परियोजना अधिकारी आर.बी.एस. तोमर, सीआईटीआई सीडीआरए, श्री विनोद बाफना, श्री नितिन तोमर आदि ने अपने व्याख्यान दिये। इस दौरान सीआईटीआई-सीडीआरए, केवीके , मध्य भारत ग्रुप, ग्रीन प्लेनेट एवं विभिन्न कपास बीज विक्रेताओं ने प्रदर्शनी लगाई, जिसका अवलोकन कैबिनेट मंत्री ने किया तथा पॉलीहाउस में टमाटर की खेती देखी एवं सभी की प्रशंसा की।
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