राज्य कृषि समाचार (State News)

गाजर घास से बनाई जा सकती है कम्पोस्ट खाद

22 अगस्त 2024, भोपाल: गाजर घास से बनाई जा सकती है कम्पोस्ट खाद – जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय, जबलपुर के कृषि विज्ञान केंद्र, टीकमगढ़ द्वारा 16-22 अगस्त 2024 तक गाजरघास जागरूकता सप्ताह का आयोजन किया गया। इस दौरान प्रधान वैज्ञानिक डॉ. बी.एम. किरार और उनकी टीम ने किसानों को गाजरघास के हानिकारक प्रभाव और नियंत्रण के उपायों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

कार्यक्रम में वैज्ञानिकों ने बताया कि गाजरघास के पौधे को शुरुआती अवस्था में निकालकर कम्पोस्ट खाद बनाई जा सकती है, जो गोबरखाद से भी अधिक पोषक तत्वों से भरपूर होती है। गाजरघास की वजह से फसलों की पैदावार में 40% तक की कमी देखी गई है। इस घास में मौजूद सेस्क्यूटरपिन लैक्टोन नामक विषाक्त पदार्थ फसलों और पशुओं दोनों के लिए हानिकारक है।

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वैज्ञानिकों ने गाजरघास के नियंत्रण के लिए रासायनिक शाकनाशियों जैसे एट्राजिन, 2,4-डी, मेट्रीव्यूजिन आदि के उपयोग की सलाह दी और बताया कि जैविक नियंत्रण के लिए मैक्सिकन बीटल (जाइगोग्रामा बाइकोलोराटा) का उपयोग प्रभावी है। इसके अलावा, चरोटा (कैसिया टोरा) के बीजों को बिखेरकर भी इस घास की वृद्धि को प्राकृतिक रूप से नियंत्रित किया जा सकता है।

कार्यक्रम में डॉ. आर.के. प्रजापति, डॉ. एस.के. सिंह, डॉ. यू.एम. धाकड़ और अन्य विशेषज्ञों ने भी किसानों को गाजरघास से होने वाली बीमारियों और बचाव के तरीकों पर विस्तृत मार्गदर्शन दिया।

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