राज्य कृषि समाचार (State News)

Chhattisgarh: बेमेतरा में खरीफ सीजन की जोरदार तैयारी, 65 हजार टन खाद लक्ष्य की ओर बढ़ा वितरण

07 जुलाई 2025, बेमेतरा: Chhattisgarh: बेमेतरा में खरीफ सीजन की जोरदार तैयारी, 65 हजार टन खाद लक्ष्य की ओर बढ़ा वितरण – खरीफ सीजन 2025 की तैयारी के तहत छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले में खाद-बीज की आपूर्ति और वितरण की व्यवस्था पूरी तरह सक्रिय और सुचारु रूप से संचालित हो रही है। जिले में खरीफ फसलों की बोनी लगभग पूरी हो चुकी है और धान की रोपाई का कार्य प्रारंभ हो गया है। कलेक्टर रणबीर शर्मा के मार्गदर्शन में यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि किसानों को खेती-किसानी में किसी प्रकार की परेशानी न हो। इसके लिए खाद और बीज की उपलब्धता, भंडारण और वितरण की नियमित समीक्षा की जा रही है।

एसएसपी और एनपीके को बढ़ावा

बेमेतरा जिले में डीएपी खाद की अधिक मांग को देखते हुए उसके विकल्प के रूप में सिंगल सुपर फास्फेट (एसएसपी) और एनपीके उर्वरकों को बढ़ावा दिया जा रहा है। इन विकल्पों को प्रचारित करने के लिए कृषि विभाग ने सहकारी समितियों में बैनर और पोस्टर भी लगाए हैं, ताकि किसान विकल्पों को अपनाएं और लाभ उठाएं। अब तक जिले में पिछले वर्ष की तुलना में: 141% एसएसपी, 125% एनपीके और 112% डीएपी खाद प्राप्त हो चुकी है। वर्तमान में समितियों में 2649 मीट्रिक टन एसएसपी और 515 मीट्रिक टन एनपीके उपलब्ध हैं।

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बीज वितरण में भी हुई प्रगति

बीज वितरण में भी बेमेतरा ने इस वर्ष उल्लेखनीय प्रगति की है। पिछले खरीफ सीजन में 19,742 क्विंटल बीज वितरित किए गए थे। जबकि इस साल अब तक 22,375 क्विंटल बीज किसानों को वितरित किए जा चुके हैं, जो 113.33% की प्रगति है। खाद का बड़ा लक्ष्य और मजबूत आपूर्ति व्यवस्था जिले के लिए इस बार कुल संशोधित खाद भंडारण लक्ष्य 65,015 मीट्रिक टन निर्धारित किया गया है।

अब तक 51,054 मीट्रिक टन खाद प्राप्त की जा चुकी है। और 42,988 मीट्रिक टन खाद का वितरण भी सफलतापूर्वक किया जा चुका है।  इस प्रक्रिया में सहकारी समितियों को 70% और निजी दुकानों को 30% खाद आबंटन किया जा रहा है, ताकि किसानों को प्राथमिकता के आधार पर सुविधा मिल सके।

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कलेक्टर की अपील: किसान विकल्प अपनाएं, खाद शीघ्र उठाएं

कलेक्टर रणबीर शर्मा ने किसानों से अपील की है कि वे समितियों में उपलब्ध खाद और बीज का समय पर उठाव करें और खेती में डीएपी के स्थान पर एसएसपी व एनपीके खाद का भी उपयोग करें। ये विकल्प न सिर्फ फसल की गुणवत्ता बेहतर करते हैं, बल्कि मृदा के लिए भी लाभकारी हैं।

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