राज्य कृषि समाचार (State News)

छत्तीसगढ़: अब कोरबा की महिलाएं गौठानों में बनाएंगी गोबर से प्राकृतिक पेंट

प्राकृतिक पेंट निर्माण से पर्यावरण संरक्षण में होगी भागीदारी, महिलाओं को गांव में ही मिलेगा रोजगार

1 फरवरी 2023,  कोरबा । छत्तीसगढ़: अब कोरबा की महिलाएं गौठानों में बनाएंगी गोबर से प्राकृतिक पेंट मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के गौठानों में प्राकृतिक पेंट निर्माण स्थापना और इसके माध्यम से ग्रामीण महिलाओं को रोजगार देने के मंशानुरूप आज विकासखण्ड पाली अंतर्गत ग्राम दमिया में प्राकृतिक पेंट निर्माण इकाई का शुभारंभ किया गया। इसके माध्यम से अब कोरबा की महिलाएं भी गोबर से प्राकृतिक पेंट बनाएंगी। प्राकृतिक पेंट निर्माण से न सिर्फ पर्यावरण संरक्षण में मदद मिलेगी बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। प्राकृतिक पेंट निर्माण इकाई से गांव की महिलाओं को गांव में ही रोजगार मिलेगा।

दमिया के गौठान परिसर में पाली तानाखार विधायक श्री मोहित राम केरकेट्टा, गौसेवा आयोग के सदस्य श्री प्रशांत मिश्रा एवं कलेक्टर श्री संजीव झा ने जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में प्राकृतिक पेंट निर्माण इकाई का उद्घाटन किया। अतिथियों ने गौठान में स्थापित इकाई की विभिन्न मशीनों और उपकरणों का अवलोकन किया। साथ ही पेंट निर्माण के विभिन्न चरणों की भी जानकारी ली। दमिया में स्थापित प्राकृतिक गोबर पेंट निर्माण इकाई की उत्पादन क्षमता प्रतिदिवस 500 लीटर तक की है। इकाई के द्वारा प्रथम दिन 100 लीटर गोबर पेंट का निर्माण किया गया है। कार्यक्रम में उपस्थित जनप्रतिनिधि एवं अधिकारियों को स्वसहायता समूह के सदस्यों ने गोबर पेंट भेंट किया।

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प्राकृतिक पेंट निर्माण इकाई के शुभारंभ के अवसर पर कलेक्टर श्री संजीव झा ने कहा कि गांव की महिलाओं ने बहुत ही कम समय में अच्छा काम करके पेंट निर्माण इकाई के संचालन में
उल्लेखनीय है कि गोबर पेंट-डिस्टेंपर निर्माण में 70-80 रूपए प्रति लीटर लागत आती है। समूह द्वारा गौठान में निर्मित प्राकृतिक पेंट को 150 रूपए प्रति लीटर की दर से विक्रय किया जाएगा। गोबर पेंट-इमर्शन निर्माण में 140-150 रूपए प्रति लीटर लागत आती है, जिसे समूह द्वारा 265 रूपए प्रति लीटर की दर से विक्रय किया जाएगा। पेंट निर्माण इकाई में स्थापित मशीनों को संचालित करने में 6-7 व्यक्तियों की आवश्यकता होती है। गोबर पेंट निर्माण में गोबर से बने 30 प्रतिशत सीएमसी का उपयोग होता है। शेष 70 प्रतिशत अन्य सामग्री 15-16 प्रकार की होती है।

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